Summer vacation: गर्मी से बचाव के लिए वर्दी के नियमों में छूट दें स्कूल, शिक्षा मंत्रालय ने जारी किए दिशानिर्देश
शिक्षा मंत्रालय ने गर्मी से बच्चों को बचाने के लिए स्कूलों को वर्दी के नियमों में छूट देने को कहा है। मंत्रालय ने कहा कि स्कूल छात्रों को ढीले और हल्के रंग के कपड़े पहनने की अनुमति दे सकते हैं। मंत्रालय ने गर्मी और लू के दुष्प्रभावों से निपटने के लिए स्कूलों को बुधवार को दिशानिर्देश जारी किए, जिनमें यह सलाह दी गई है।
मंत्रालय ने कहा, वर्दी के संबंध में मानदंडों में ढील दी जा सकती है। छात्रों को चमड़े के जूतों की जगह कैनवास के जूते पहनने की अनुमति दी जा सकती है। टाई लगाने से बच्चों को मना किया जा सकता है। वहीं, छात्रों को पूरी बाजू की शर्ट पहनने की सलाह दी जा सकती है।
ये सलाह भी
- स्कूल बस या वैन में क्षमता से ज्यादा छात्र नहीं बैठें। वाहन में पीने के पानी और प्राथमिक चिकित्सा किट उपलब्ध होनी चाहिए।
- छात्र अपनी पानी की बोतलें, टोपी और छतरियां लेकर आएं। बाहर निकलने पर इनका इस्तेमाल करें।
- घर लौटते वक्त छात्र बोतलों में पर्याप्त पानी लेकर जाएं।
- छात्रों को गर्मी की लहर से निपटने के लिए उचित जलयोजन के महत्व से अवगत कराया जाना चाहिए। नियमित अंतराल पर पर्याप्त पानी पीने की सलाह दी जानी चाहिए।
- जलयोजन में वृद्धि से शौचालयों का उपयोग बढ़ सकता है। ऐसे में शौचालयों को स्वच्छ रखा जाना चाहिए।
- गर्मी भोजन को खराब कर सकती है। इसलिए पीएम पोषण के तहत ताजा भोजन परोसा जाए। प्रभारी शिक्षक भोजन परोसने से पहले भोजन की जांच कर सकते हैं।
- स्कूलों में कैंटीनों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ताजा और स्वस्थ भोजन परोसा जाए।
- लंच या टिफिन के समय बच्चों को हल्का भोजन करने की सलाह दी जा सकती है।
- स्कूलों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी पंखे काम कर रहे हैं और सभी कक्षाएं ठीक से हवादार हैं।
- संभव हो तो वैकल्पिक पावर बैकअप की व्यवस्था की जा सकती है।
- सूर्य के प्रकाश को सीधे कक्षा में प्रवेश करने से रोकने के लिए पर्दे, अखबार आदि का उपयोग किया जा सकता है। ‘खस’ के पर्दे, बांस या जूट की चिक लगाई जा सकती है।
प्राथमिक चिकित्सा सुविधाएं
- हल्के हीट स्ट्रोक के इलाज के लिए ओआरएस या नमक और चीनी के घोल के पाउच स्कूलों में उपलब्ध होने चाहिए।
- हल्के लू लगने की स्थिति में छात्रों को प्राथमिक उपचार प्रदान करने के लिए शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जाना चाहिए।
- हीटस्ट्रोक के मामले में स्कूलों को निकटतम अस्पताल, क्लिनिक, डॉक्टर या नर्स के पास त्वरित पहुंच सुनिश्चित करनी चाहिए।
- स्कूल में आवश्यक चिकित्सा किट उपलब्ध होनी चाहिए।
- किसी भी आपात स्थिति के लिए परीक्षा केंद्रों को स्थानीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता और चिकित्सा केंद्रों से जोड़ा जाए।
आवासीय विद्यालय कुछ अन्य उपाय करें
- स्टाफ नर्स के पास गर्मी से संबंधित सामान्य बीमारियों की आवश्यक दवाएं उपलब्ध होनी चाहिए।
- डॉर्मिटरी में खिड़कियों पर पर्दे लगे होने चाहिए।
- नींबू, छाछ और मौसमी फलों में पानी की मात्रा अधिक होनी चाहिए।
- मसालेदार भोजन से बचना चाहिए।
- कक्षाओं, छात्रावासों और डाइनिंग हॉल में पानी और बिजली की निरंतर उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
- खेल और खेल गतिविधियां शाम के समय आयोजित की जानी चाहिए।
- गर्मी की लहर के संबंध में क्या करें और क्या न करें स्कूल में प्रमुख स्थानों पर प्रदर्शित किया जाना चाहिए।
ये करें...
- पर्याप्त पानी पिएं, प्यास न लगने पर भी।
- खुद को हाइड्रेट रखने के लिए ओआरएस, घर का बना पेय जैसे लस्सी, तोरानी (चावल का पानी), नींबू पानी, बटर मिल्क आदि का इस्तेमाल करें।
- जितना हो सके घर के अंदर रहें।
·- यदि आप बेहोश या बीमार महसूस करते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें।
ये नहीं करें...
·- खाली पेट या भारी भोजन करने के बाद बाहर ना जाएं।
·- धूप में बाहर जाने से बचें, खासकर दोपहर में यदि आवश्यक न हो तो।
- दोपहर में जब बाहर हों तो ज्यादा गतिविधियों से बचें।
- नंगे पांव बाहर ना जाएं।
·- जंक, बासी, मसालेदार भोजन ना करें।
परीक्षा केंद्र के लिए
- बच्चों को परीक्षा हॉल में अपनी पारदर्शी पानी की बोतल लाने की अनुमति दी जा सकती है।
- परीक्षा केंद्रों को पीने योग्य पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करनी चाहिए, जो केंद्रों पर उम्मीदवारों के लिए आसानी से उपलब्ध हो।
- परीक्षा केंद्रों को यह सुनिश्चित करनी चाहिए कि उम्मीदवारों को उनके द्वारा मांगे जाने पर तुरंत पानी की आपूर्ति की जाती है।
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