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मंगलवार, 9 अगस्त 2022

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र पढ़ेंगे आजादी के बाद का समग्र इतिहास, पाठ्यक्रम बदलेगा

 

 इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र पढ़ेंगे आजादी के बाद का समग्र इतिहास, पाठ्यक्रम बदलेगा

भारत का आधुनिक इतिहास विषय में अब तक जो छात्र देश को स्वतंत्रता मिलने यानी 1947 तक के इतिहास को पढ़ते थे उसको विस्तार दिया जा रहा है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के स्नातक छात्र अब आजादी के बाद के राजनीतिक घटनाक्रम, आंदोलन, राजनेताओं, साहित्यकारों, संगीतकारों के योगदान से भी रूबरू होंगे। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के मध्यकालीन एवं आधुनिक इतिहास विभाग की ओर से पाठ्यक्रम में अब वर्ष 2000 तक के कालखंड को शामिल किया जाएगा।

इलाहाबाद विश्वविद्यालय में नई शिक्षा नीति के तहत शैक्षिक सत्र 2023-24 से चार वर्षीय स्नातक की पढ़ाई शुरू होगी। इसके लिए नया पाठ्यक्रम तैयार किया जा रहा है। केंद्रीय दर्जा मिलने के बाद पहली बार इस विभाग का पाठ्यक्रम संशोधित किया जा रहा है। नये पाठ्यक्रम की मंजूरी के लिए संशोधन का प्रस्ताव इलाहाबाद विश्वविद्यालय की एकेडमिक काउंसिल (विद्वत परिषद) के समक्ष रखा जाएगा। मंजूरी मिलने के बाद विधिवत पाठ्यक्रम का हिस्सा बन जाएगा।

विभागाध्यक्ष प्रो. आलोक प्रसाद ने बताया कि प्रथम सेमेस्टर में नेशनल बिल्डिंग इन सोशल सर्विस विषय को शामिल किया गया है। यह विषय फाउंडेशन कोर्स के रूप में शामिल होगा। द्वितीय सेमेस्टर में राष्ट्र व राष्ट्रवाद का इतिहास और इतिहास के शोध को पढ़ाया जाएगा। तृतीय सेमेस्टर में स्थापत्य और कला का इतिहास, भारत के इतिहास में सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक में परिवर्तन को शामिल करने की तैयारी है।

चतुर्थ सेमेस्टर में वर्ष 2000 तक के पीएम-सीएम भी शामिल

चतुर्थ सेमेस्टर में वर्ष 2000 तक का समसामायिक इतिहास पढ़ाया जाएगा। इसमें आजादी के बाद से वर्ष 2000 तक के प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, प्रमुख साहित्यकार के योगदान को शामिल किया जाएगा। साथ ही आजादी के बाद से 2000 तक देश में सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक परिवर्तन का भी जिक्र रहेगा। इसके अलावा दलित साहित्य का इतिहास या विज्ञान और तकनीकी ऐच्छिक विषय के रूप में पढ़ाया जाएगा।

पांचवें सेमेस्टर में लैटिन अमेरिका का इतिहास भी

पांचवें सेमेस्टर में लैटिन अमेरिका का इतिहास, सिनेमा का इतिहास और फैशन का इतिहास ऐच्छिक विषय के रूप में शामिल होगा। छठवें सेमेस्टर में भूमंडलीकरण का इतिहास, जेंडर का इतिहास, भाषा साहित्य का इतिहास पढ़ाया जाएगा। सातवें सेमेस्टर में इतिहास लेखन, इतिहास और लोक मान्यताओं का इतिहास, पर्यावरण का इतिहास शामिल किया गया है। आठवें सेमेस्टर में एजुकेशन टूर, शोध प्रबंध पढ़ाया जाएगा। 

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