समान शिक्षा की ओर बढ़ रहा देश
देशभर के विभिन्न शिक्षा बोर्ड एक समान शिक्षा की ओर बढ़ रहे हैं। वर्तमान में 23 राज्यों में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की किताबों से पढ़ाई हो रही है। उत्तर प्रदेश में यूपी बोर्ड ने 2016 से कक्षा नौ से 12 तक के लिए एनसीईआरटी आधारित पाठ्यक्रम लागू किया था।
शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की ओर से सूचना का अधिकार अधिनियम (आरटीआई) के तहत दी गई जानकारी के मुताबिक शैक्षिक सत्र 2020-21 में 23 राज्यों की 28 एजेंसियों के अनुरोध पर एनसीईआरटी की पुस्तकें प्रकाशित करने का अधिकार दिया गया था।
हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, गोवा, त्रिपुरा, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा और मिजोरम ने कक्षा एक से ही एनसीईआरटी की किताबें लागू कर दी है। इसका सर्वाधिक लाभ एनसीईआरटी का कोर्स अपनाने वाले राज्यों के बच्चों को होगा। दरअसल मेडिकल, इंजीनियरिंग से लेकर आईएएस तक की प्रतियोगी परीक्षा में प्रश्नपत्र एनसीईआरटी किताबों के आधार पर बनाए जाते हैं। एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम पढ़ने वाले बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं में एकसमान अवसर मिलेगा।
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