UP Board : पहला मंथली टेस्ट कराना ही भूल गए यूपी बोर्ड के स्कूल, फिर बताया यह है मजबूरी
यूपी बोर्ड के स्कूलों में इस बार बदली व्यवस्था के तहत मंथली टेस्ट और अर्द्धवार्षिक-वार्षिक परीक्षा होनी है। इसमें चार मंथली टेस्ट (दो बहुविकल्पीय यानी एमसीक्यू व दो वर्णात्मक) होने हैं। जुलाई के अंतिम सप्ताह में पहला मंथली टेस्ट एमसीक्यू आधारित होना था, लेकिन एकेडमिक कैलेंडर में होने के बाद भी स्कूल इसे कराना भूल गए। खास ये कि विभाग को भी इसकी याद नहीं रही।
एकेडमिक कैलेंडर के अनुसार एमसीक्यू आधारित मंथली टेस्ट जुलाई व दिसंबर के अंतिम सप्ताह में और वर्णात्मक टेस्ट अगस्त व नवंबर के अंतिम सप्ताह में होने हैं। जुलाई में पहले मंथली टेस्ट को लेकर न तो विभाग ने कोई दिशा-निर्देश जारी किया न ही स्कूलों ने इसे कराने के लिए कोई तैयारी की। अब स्कूल पहला मंथली टेस्ट अगस्त में कराने की योजना बना रहे हैं। अगस्त में ही दूसरा मंथली टेस्ट प्रस्तावित है जो वर्णात्मक होना है। इससे छात्रों में अनावश्यक दबाव पड़ेगा।
इस बार से बोर्ड ने किया है बदलाव
यूपी बोर्ड ने इस बार से परीक्षा के पैटर्न में बदलाव किया है। सितंबर के अंतिम सप्ताह से अर्द्धवार्षिक व फरवरी में वार्षिक परीक्षा प्रस्तावित है। इन परीक्षाओं में एक तिहाई प्रश्न एमसीक्यू आधारित व दो तिहाई वर्णात्मक सवाल होंगे। परीक्षा से पूर्व छात्र इसका अभ्यास कर सकें, इसके लिए मंथली टेस्ट में भी बदलाव कर इसकी व्यवस्था की गई है।
एडमिशन चल रहे, मंथली टेस्ट कैसे कराएं
मंथली टेस्ट न कराने के पीछे स्कूलों का तर्क है कि बोर्ड परीक्षा 2023 के लिए आवेदन और कक्षा नौ व 11 के छात्रों की ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया चल रही है। बोर्ड के शिड्यूल के अनुसार पांच अगस्त दाखिला लेने की अंतिम तिथि है। वहीं, विलंब शुल्क के साथ 16 अगस्त तक दाखिला ले सकते हैं। जब दाखिले की प्रक्रिया चल रही है तो बीच में मंथली टेस्ट किस तरह से कराएं। राजकीय जुबली इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य धीरेंद्र मिश्रा ने बताया कि इसी सप्ताह में पहले मंथली टेस्ट का शिड्यूल बनाकर छात्रों को जानकारी दे दी जाएगी।
मैं देखता हूं स्कूलों में क्या स्थिति बन रही है। जल्द ही इसे एकसाथ सभी स्कूलों में कराने का दिशा-निर्देश जारी करता हूं।- राकेश कुमार पांडेय, डीआईओएस
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