NCERT का अध्ययन: 2025 तक स्कूलों में घटेगा नामांकन, 16 फीसदी तक गिरावट की आशंका
एनसीईआरटी (NCERT) के एक अध्ययन के अनुसार वर्ष 2011 से शुरू होकर 2025 तक स्कूलों में कुल नामांकन में 14 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आएगी। हालांकि, लड़कियों के नामांकन में लड़कों की तुलना में दो प्रतिशत से अधिक यानी 16 फीसदी तक की गिरावट की आशंका है।
एनसीईआरटी के शैक्षिक सर्वेक्षण प्रभाग (ESD) के अध्ययन में कहा गया है कि अनुसूचित जाति के छात्रों का नामांकन अगले 5-10 वर्षों तक अपरिवर्तित रहेगा, जबकि अनुसूचित जनजाति के छात्रों की संख्या 2023-24 के बाद ठहराव का सामना करेगी।रिपोर्ट में कहा गया है कि नामांकन जनसंख्या का एक कार्य है, इसलिए 6-11, 11-14 और 14-16 वर्ष की आयु के बच्चों की आबादी में गिरावट प्रत्येक चरण में नामांकन में परिलक्षित होती है।
रिपोर्ट प्रोजेक्शन एंड ट्रेंड्स ऑफ स्कूल एनरोलमेंट बाय 2025' में एनसीईआरटी द्वारा आयोजित राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (NAS) और शिक्षा के लिए वार्षिक एकीकृत जिला सूचना प्रणाली (UDISE) के आंकड़ों को ध्यान में रखा गया है। 2011 से 2025 की अवधि के दौरान, कुल नामांकन में 14.37 फीसदी की कमी आएगी। अध्ययन रिपोर्ट में कहा गया है कि लड़कों के नामांकन में 13.28 फीसदी की, जबकि लड़कियों में 15.54 फीसदी की कमी आने की आशंका जताई गई है।
उच्च प्राथमिक स्तर पर, लड़कों, लड़कियों के नामांकन और कुल प्रतिशत में 2016 से गिरावट शुरू हुई। इस अवधि के दौरान, नामांकन में कुल 9.47 प्रतिशत, लड़कों के लिए 8.07 फीसदी और लड़कियों में 10.94 फीसदी की कमी देखी गई है। इसी तरह माध्यमिक स्तर पर भी नामांकन में गिरावट दर्ज की गई, लेकिन यहां गिरावट 2020 से शुरू हुई।
1950 के बाद के रुझानों का अध्ययन किया
एनसीईआरटी की रिपोर्ट ने 1950 के बाद के रुझानों का अध्ययन किया है, जब देश में 2.38 करोड़ छात्रों के साथ 2,171 स्कूल थे। यह अध्ययन पीएसी कार्यक्रम के 2016-2025 के दौरान देश में स्कूलों में नामांकन को पेश करने के उद्देश्य का परिणाम है। अध्ययन में 21 राज्यों की एनएएस रिपोर्ट पर विचार किया गया। जहां प्राथमिक स्तर पर नामांकन में वृद्धि वर्ष 2011 तक जारी रही। 2011 के बाद, नामांकन में गिरावट आई है और यह 2025 तक जारी रहने की आशंका है। नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) में सर्वे डिवीजन की प्रमुख इंद्राणी भादुड़ी ने कहा कि यह सर्वे कम अध्ययन देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए नए स्कूल खोलने, मौजूदा स्कूलों के उन्नयन, रोजगार और शिक्षकों की तैनाती और बुनियादी ढांचे के प्रावधान जैसे कई निवेश संबंधी निर्णयों का आधार बनता है।
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