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बुधवार, 7 सितंबर 2022

UPHESC में पांच वर्षों में प्राचार्य और असिस्टेंट प्रोफेसर के भरे गए पांच हजार से ज्यादा पद


 


UPHESC में पांच वर्षों में प्राचार्य और असिस्टेंट प्रोफेसर के भरे गए पांच हजार से ज्यादा पद

 उत्च प्रदेश में उच्च शिक्षा की पढ़ाई बेहतर बनाने के लिए महाविद्यालयों में शिक्षकों के खाली पदों को भरा जा रहा है। पांच वर्षों में प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) महाविद्यालयों में 4804 असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती की गई। इसके अलावा 290 प्राचार्यों की भर्ती की गई। इस तरह कुल 5094 पदों को भरा जा चुका है। इसके अलावा असिस्टेंट प्रोफेसर के 981 और पदों पर भर्ती की प्रक्रिया चल रही है।

2009 के बाद कुछ साल ठप रही भर्ती प्रक्रिया

प्रदेश भर में 331 अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) महाविद्यालय हैं। इनमें प्राचार्य और असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग प्रयागराज से होती है। इन कालेजों में 2009 में 550 पदों पर भर्ती हुई थी। उसके बाद कई साल तक भर्ती प्रक्रिया लगभग ठप थी। बीच में कुछ भर्तियों का विज्ञापन निकला लेकिन मामला कोर्ट में जाने से भर्ती पूरी नहीं हो सकी। विज्ञापन संख्या-46 के तहत 1652 असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती का नोटिफिकेशन 2014 में हुआ था, लेकिन भर्ती प्रक्रिया 2017 से शुरू होकर 2018 में पूरी हुई। इसी तरह विज्ञापन संख्या 47 के तहत 1150 असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती का नोटिफिकेशन 2016 में हुआ था लेकिन भर्ती प्रक्रिया में 2018 से तेजी आई और 2019 में पूरा किया गया। इसी बीच विज्ञापन संख्या 49 के तहत 290 प्राचार्य की भर्ती के लिए 2019 में भर्ती की प्रक्रिया शुरू हुई। इसमें आयोग को दो साल का समय लगा। इसके कई मामले कोर्ट गए।

इससे पहले प्राचार्य भर्ती का विज्ञापन 2008 में भी निकल चुका था लेकिन मामला कोर्ट में जाने के कारण भर्ती नहीं हुई थी। अब सभी महाविद्यालयों में प्राचार्यों की तैनाती हो गई है। अब तक की सबसे ज्यादा 2002 पदों की भर्ती विज्ञापन संख्या-51 के तहत 2021 में निकली, जो कि 2022 में पूरी हो गई है। उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग के सचिव दयानंद प्रसाद ने बताया कि असिस्टेंट प्रोफेसर के 981 और पदों पर भर्ती की जा रही है। इसकी आवेदन प्रक्रिया पूरी हो गई है। वर्ष भर में इसे पूरा करने का प्रयास किया जाएगा।

सहायक निदेशक उच्च शिक्षा का है कहना

- एडेड महाविद्यालयों में वर्षों से शिक्षकों की कमी थी। अब उस कमी को लगभग पूरा कर लिया गया है। पांच वर्षों में पांच हजार से अधिक पद भरने से कालेजों में पढ़ाई बेहतर होगी। वर्षों से प्राचार्य के खाली पदों को भी भर दिया गया है।- बीएल शर्मा, सहायक निदेशक, उच्च शिक्षा

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