यूपी के राज्य कर्मचारियों और पेंशनर्स के बनेंगे हेल्थ कार्ड, किसी भी अस्पताल में मिल सकेगा मुफ्त इलाज
उत्तर प्रदेश के राज्य कर्मचारियों और पेंशनर्स व उनके आश्रितों को कैशलेस चिकित्सा की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए जल्द ही राज्य कर्मचारियों और पेंशनर्स के स्टेट हेल्थ कार्ड बनाये जाएंगे। स्टेट हेल्थ कार्ड में कर्मचारियों व उनके आश्रितों से संबंधित सभी डाटा संरक्षित रहेगा। हेल्थ कार्ड दिखाकर वे किसी भी सरकारी अस्पताल में मुफ्त इलाज करा सकेंगे। इसके लिए मेडिकल कालेज स्तर पर हेल्प डेस्क की स्थापना की जाएगी। योजना से जुड़े वेब पोर्टल पर लाभार्थियों का आनलाइन रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। योजना के तहत लाभार्थियों के इलाज के लिए प्रदेश के सभी राजकीय चिकित्सा संस्थानों में प्रचलित दरें ही मान्य होंगी।
कैशलेस चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू की गई पं.दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना को क्रियान्वित करने के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग ने अपने अधीन सभी चिकित्सा विश्वविद्यालयों, चिकित्सा संस्थानों, मेडिकल कालेजों, स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालयों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी कर दिया है।
उत्तर प्रदेश के 27 लाख कर्मचारियों और पेंशनर्स व उनके परिवारों को कैशलेस इलाज की सुविधा देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसी वर्ष जुलाई में पं. दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना की शुरुआत की थी। चिकित्सा शिक्षा विभाग की ओर से जारी किये गए एसओपी में लाजिस्टिक से लेकर योजना के तहत लाभार्थियों पर होने वाले वित्तीय खर्च को लेकर दिशा निर्देश दिए गए हैं।
योजना के तहत आयुष्मान भारत योजना के तहत सूचीबद्ध निजी चिकित्सालयों में प्रति वर्ष पांच लाख रुपये तक के कैशलेस इलाज की सुविधा उपलब्ध होगी। उत्तर प्रदेश चिकित्सा शिक्षा विभाग की ओर से जारी किये गए दिशानिर्देशों के अनुसार कर्मचारियों का कार्ड बनाए जाने के लिए साचीज की ओर से विस्तृत एसओपी जारी की जाएगी। हेल्थ कार्ड बनाने के लिए कालेज स्तर पर हेल्प डेस्क बनाई जाएगी।
कर्मचारियों की सुविधा के लिए काउंटर बनाए जाएंगे। काउंटर पर कियोस्क की व्यवस्था की जाएगी। संबंधित कालेज और संस्थान द्वारा बेड की संख्या, मरीजों की संख्या, स्ट्रैटेजिक लोकेशन के आधार पर संख्या का निर्धारण करेंगे। प्रयास किया जाएगा कि यह संख्या पांच से अधिक न हो।
मेडिकल कालेजों, चिकित्सा संस्थानों, चिकित्सा विश्वविद्यालय स्तर पर मानिटरिंग सेल बनाया जाएगा जिसमें कम से कम चार लोगों द्वारा 24 घंटे सेवाएं दी जाएंगी। मेडिकल कालेजों, चिकित्सा संस्थानों, चिकित्सा विश्वविद्यालयों का रजिस्ट्रेशन पं. दीनदयाल उपाध्याय कैशलेस चिकित्सा योजना के वेब पोर्टल पर कराया जाएगा। नोडल अफसर द्वारा अस्पताल की लेखा शाखा या किसी अन्य शाखा के किसी कार्मिक को दीनदयाल मित्र बनाया जाएगा।
नोडल अफसर, क्लर्क, दीनदयाल मित्र, कंप्यूटर आपरेटर आदि की ट्रेनिंग कराने का दायित्व साचीज का होगा। लाभार्थी के उपचार में जो धनराशि मेडिकल कालेजों/चिकित्सा संस्थानों/चिकित्सा विश्वविद्वालयों द्वारा व्यय की जाएगी, उसे उनकी आय माना जाएगा।
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