10 साल से सरकारी नौकरी कर रहा यह शख्स हुआ UPSC मेन्स में फेल, वायरल ट्वीट पर लोगों ने कही ये बातें
UPSC IAS Exam : देश के सर्वोच्च प्रशासनिक पदों पर नौकरी करने का ख्वाब पूरा करने के लिए हर साल यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में 9 से 10 लाख अभ्यर्थी बैठते हैं। लेकिन करीब 800 लोगों का ही इसमें चयन हो पाता है। कुछ अभ्यर्थियों का चयन पहले प्रयास में हो जाता है तो कुछ का दूसरे, तीसरे या उसके बाद के प्रयासों में। अपने इस सपने को पूरा करने के लिए युवा सालों साल तैयारी करते रहते हैं। संघर्ष की इस यात्रा में अधिकांश अभ्यर्थी या तो अपना रास्ता बदल लेते हैं या फिर उनके प्रयास खत्म हो जाते हैं। मंगलवार को जब यूपीएससी ने सिविल सेवा मुख्य परीक्षा 2022 का परिणाम जारी किया तो कई उम्मीदवारों ने ट्विटर पर अपना अनुभव शेयर किया। इस बीच गणेश बाबू नाम के एक यूपीएससी अभ्यर्थी का ट्वीट सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। गणेश बाबू ने लिखा कि वह अपने आखिरी अटेंप्ट में भी असफल हो गए।
गणेश बाबू ने ट्विटर पर लिखा- 'यूपीएससी मेंस रिजल्ट जारी हो गया है और मैं यूपीएससी की रेस से बाहर हो चुका हूं। यह मेरा अंतिम प्रयास था। लेकिन मैं आश्चर्यचकित नहीं हूं। साल दर साल बीतते गए और मेरे अटेम्प्ट खत्म होते रहे। लेकिन इस सफल में मिले सबक मुझे हमेशा याद रहेंगे। इससे मैंने काफी सीखा है। संजोने लायक कई लम्हों के साथ इस यात्रा का अंत। #UPSCMains2022'
गणेश बाबू के ट्वीट के बाद उनके लिए लोगों ने जमकर सहानुभूति दिखाई। एक यूजर ने लिखा कि जिन लोगों ने यूपीएससी की तैयारी के दौरान अच्छे से पढ़ाई की है वे आमतौर पर आसानी से अन्य सरकारी नौकरियों/परीक्षाओं में सफल हो जाते हैं। यूपीएससी में की गई मेहनत का यह स्तर होता है। इसके बाद गणेश बाबू ने लोगों को स्पष्ट किया है कि वह 10 सालों से सरकारी नौकरी कर रहे हैं। गणेश बाबू ने एक अन्य ट्वीट में कहा, 'हां, वास्तव में। बस इसी तैयारी के साथ अन्य परीक्षाएं पास कीं। सरकार में लगभग एक दशक से अधिक की सेवा पूरी कर चुका हूं। मैं जिंदगी में नहीं, सिर्फ यूपीएससी में फेल हुआ हूं। सिर्फ मैं ही नहीं, ज्यादातर नहीं कर पाए। एहसास होने में समय लगता है। '
एमपीसीसी के वरिष्ठ प्रवक्ता निनगोमबम भूपेन्द्र मेतई ने कहा, 'चिंता मत करो, गणेश। पीएमओ या सीएमओ या यूएन में लेटरल एंट्री या एडवाइजरी या पॉलिसी मेकिंग या किसी दूरदर्शी मंत्री को सलाह देकर आप गवर्नेंस में बहुत कुछ कर सकते हैं। आप अंतर्राष्ट्रीय सिविल सेवा भी देख सकते हैं।'
ट्विटर पर आईएफएस यश काले नाम ने कहा, 'मैं कल्पना कर सकता हूं। कई बार इससे गुजरे हैं। मुझे यकीन है कि यह बहुत कठिन है। लगे रहो, जब एक दरवाजा बंद होता है, दूसरा खुल जाएगा। किसी भी मदद के लिए संपर्क करें।' एक अन्य यूजर राहुल डॉक ने कहा, 'मेरा विश्वास है कि इस तैयारी के दौरान आपने जो ज्ञान और जज्बा हासिल किया है, उससे आप अधिक बुद्धिमान और सफल होंगे। शुभकामनाएं।'
यूपीएससी भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) , भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस), भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) समेत की तरह की सिविल सेवओं के लिए अधिकारियों का चयन करने के लिए प्रतिवर्ष तीन चरणों में प्रारंभिक, मुख्य और साक्षात्कार सिविल सेवा परीक्षा आयोजित कराती है। इस भर्ती परीक्षा में हर साल करीब 9 लाख युवा बैठते हैं।
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