बजट के अभाव में 59 हजार छात्रों को अब तक नहीं मिल सकी यूनिफॉर्म
समाज कल्याण विभाग के 448 अनुदानित (एडेड) विद्यालयों में पढ़ रहे 59 हजार बच्चों को बजट के अभाव में अभी तक यूनिफॉर्म नहीं मिल सकी है। ठंड पड़ने लगी है लेकिन, न तो वे जूते-मोजे पा सके हैं और न ही स्वेटर। बेसिक शिक्षा विभाग के हाथ खड़ा कर देने से यह स्थिति पैदा हुई है।
इन स्कूलों में कक्षा-1 से 5 तक के विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अभी तक बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से इन छात्रों को यूनिफॉर्म मुहैया कराई जाती थी। कुछ समय पहले बेसिक शिक्षा विभाग ने पत्र लिखा है कि ये स्कूल राज्य फंड से संचालित हैं, जबकि उनके यहां के स्कूलों को सर्व शिक्षा अभियान (एसएसए) के तहत संचालित किया जाता है। एसएसए में केंद्र सरकार का शेयर रहता है। नियमानुसार केंद्र के फंड से एडेड स्कूलों के लिए यह सुविधा नहीं दी जा सकती। इसलिए स्टेट फंड से चलने वाले समाज कल्याण विभाग के स्कूलों को यह सुविधा उनके स्तर से जारी नहीं रह सकती है।
बेसिक स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को यूनिफॉर्म और स्टेशनरी मद में 1200 रुपये प्रति वर्ष दिए जाते हैं। इसमें दो यूनिफॉर्म के लिए 600 रुपये, स्कूल बैग के लिए 175 रुपये, जूते-मोजों के लिए 125 रुपये, स्वेटर के लिए 200 रुपये और स्टेशनरी के लिए 100 रुपये दिए जाते हैं। समाज कल्याण विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इस मद में बजट के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है।
समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित स्कूलों के विद्यार्थियों को यूनिफॉर्म आदि दिए जाने के लिए बजट की व्यवस्था के लिए वित्त विभाग को फाइल भेजी गई है। शीघ्र ही स्वीकृति मिल जाएगी और यूनिफॉर्म का इंतजाम होगा। -असीम अरुण, समाज कल्याण मंत्री
समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित विद्यालयों के बच्चों की यूनिफॉर्म के लिए भारत सरकार से बजट नहीं मिला है। वहीं परिषदीय स्कूलों के अधिकांश बच्चों के अभिभावकों के खाते में यूनिफॉर्म व स्टेशनरी की धनराशि भेजी जा चुकी है। सिर्फ उन्हीं की धनराशि नहीं भेजी जा सकी है, जिनका डाटा गड़बड़ है। या फिर बैंक खाते से आधार से जुड़े नही हैं। ऐसे प्रकरणों में खातों को आधार से जुड़वाने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही गड़बड़ डाटा की जांच कराने के निर्देश दिए गए हैं।- विजय किरन आनंद, महानिदेशक स्कूल शिक्षा
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