Breaking

Primary Ka Master Latest Updates | Education News | Employment News latter 👇

सोमवार, 12 दिसंबर 2022

निजी संस्थानों को बढ़ावा देने से गिरा शिक्षा का स्तर



 निजी संस्थानों को बढ़ावा देने से गिरा शिक्षा का स्तर

प्रयागराज। शिक्षा के अधिकार पर संयुक्त राष्ट्र के पूर्व विशेष दूत डॉ. किशोर सिंह का मानना है कि निजी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को बढ़ावा देने से शिक्षा का स्तर तेजी से गिरा है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) के विधि संकाय में ‘मानवाधिकार अतीत, वर्तमान एवं भविष्य’ विषय पर आयोजित सम्मेलन में आए डॉ. किशोर सिंह ने मीडिया से कहा कि ऐसे संस्थानों में शिक्षकों को तीन से पांच साल के ठेके पर रखा जाता है।

पैसे लेकर प्रवेश देने वाले इन संस्थानों ने इंजीनियरों की ऐसी फौज खड़ी कर दी है, जिनके पास डिग्री तो है, लेकिन तकनीकी कौशल नहीं। ऐसे में शिक्षा का स्तर कैसे सुधरेगा। स्विटरलैंड में तकनीकी रूप से दक्ष व्यक्ति को सबसे काबिल मानते हैं, लेकिन अपने देश में कोई छात्र आईटीआई या पॉलीटेक्निक में तब प्रवेश लेता है, जब उसे कहीं प्रवेश नहीं मिलता। सरकार को यह बात समझनी होगी कि विश्वविद्यालय व्यापार का जरिया नहीं हैं। सरकारी विश्वविद्यालयों के अनुदान में कटौती करने की बजाय इसे बढ़ाना चाहिए, तभी शिक्षा का स्तर सुधरेगा। नई शिक्षा नीति में भारतीय संस्कृति का समावेश करते हुए रोजगारपरक बनाने का प्रयास किया गया है, लेकिन यह तभी सफल होगा, जब इसे व्यापार का जरिया न बनाया जाए।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें