UPPSC : भर्ती पूरी होने की आस में टूट गई सांस, नौ साल से एपीएस के 176 पदों पर भर्ती नहीं कर सका आयोग
अपर निजी सचिव (एपीएस) भर्ती परीक्षा-2013 पूरी होने के इंतजार में कई अभ्यर्थियों की सांसें टूट गईं तो कई अभ्यर्थी अगली भर्ती के लिए ओवरएज हो गए। विज्ञापन जारी होने के नौ साल बाद भी भर्ती अधूरी पड़ी है। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से एपीएस के 176 पदों पर भर्ती के लिए लिखित परीक्षा और टाइप एवं शॉर्टहैंड परीक्षा आयोजित की जा चुकी है। आयोग इन दो चरणों की परीक्षा का रिजल्ट भी जारी कर चुका है, लेकिन 24 अगस्त 2021 को यह परीक्षा ही निरस्त कर दी गई। ऐसे में जो अभ्यर्थी अंतिम चरण की कंप्यूटर ज्ञान परीक्षा के लिए क्वालीफाई कर चुके थे, उन्हें तगड़ा झटका लगा।
इसके बाद आयोग ने पुनर्विज्ञापन जारी कर पुराने अभ्यर्थियों से नए सिरे से आवेदन मांगे, ताकि परीक्षा दोबारा कराई जा सके। इस बीच परीक्षा निरस्त होने के खिलाफ कुछ अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दी और इसी वजह से पुनर्परीक्षा अब तक अटकी हुई है। परीक्षा निरस्त होने से पहले जिन अभ्यर्थियों ने अंतिम चरण के लिए क्वालीफाई किया था, उनमें से उन्नाव के अवधेश कुमार का कोराना से निधन हो चुका है।
लखनऊ के राजकुमार पांडेय, दुर्गेश शर्मा और कानपुर के दिनेश शर्मा की डेंगू से मौत हो चुकी है। प्रयागराज के राकेश चक्रवर्ती एक दुर्घटना में अपनी जान गंवा चुके हैं। प्रयागराज के ही संतोष कुमार पटेल का भी निधन हो चुका है। भर्ती पूरी होने के इंतजार में ओवरएज हो चुके 42 वर्षीय उमेश पांडेय का कहना है कि भर्ती की आस में कई अभ्यर्थियों की सांसें टूट गईं और कई ओवरएज हो गए।
उमेश के अनुसार उनके साथी 53 वर्षीय राकेश कुमार, 45 साल के शरद कुमार सिंह, 50 साल के संजय वर्मा, 48 साल के शिव कुमार, 46 साल के प्रभात कुमार, 42 साल के एलबी पटेल, 46 साल के जगदीश गुप्ता, 41 साल के दिनेश कुमार और 45 साल के भूपेंद्र कुमार भी अगली भर्तियों के लिए ओवरएज हो गए हैं औ भविष्य के रास्ते उनके लिए बंद हो चुके हैं।
नई भर्ती में ओवरएज अभ्यर्थियों ने मांगी आयु सीमा में छूट
ओवरएज अभ्यर्थियों का कहना है कि आयोग को एपीएस के तकरीबन 305 पदों का अधियाचन मिल चुका है और आयोग इन पदों पर भर्ती के लिए जल्द ही नया विज्ञापन जारी कर सकता है। वर्ष 2013 के बाद एपीएस के पदों पर भर्ती के लिए कोई विज्ञापन जारी नहीं किया गया। 2013 की भर्ती भी फंसी हुई है। ऐसे में 2013 की भर्ती में अंतिम चरण की परीक्षा के लिए क्वालीफाई करने वाले जो अभ्यर्थी ओवरएज चुके हैं, उन्हें नई भर्ती में आयु सीमा में छूट मिलनी चाहिए। अभ्यर्थियों का आरोप है कि एपीएस-2013 को लेकर चल रहे मुकदमे में आयोग ठीक से पैरवी नहीं कर रहा है। इसी वजह से यह भर्ती अटकी हुई है।
यह था विवाद
एपीएस भर्ती 2010 और 2013 में आयोग ने टाइप शॉर्टहैंड की परीक्षा में पांच फीसदी की गलती के अलावा अतिरिक्त तीन फीसदी गलती को माफ करने के लिए विज्ञापन में विशेषाधिकार का प्रावधान किया था। यह व्यवस्था 1987 की सेवा नियमावली के अनुसार लागू की गई थी, जबकि इसके बाद 2001 की संशोधित नियमावली में अतिरिक्त तीन फीसदी गलती को माफ किए जाने का प्रावधान ही समाप्त कर दिया गया था। एपीएस-2010 में इस गड़बड़ी के सामने आने पर जब सीबीआई ने मुकदमा दर्ज किया तो आयोग ने एपीएस-2013 की परीक्षा को ही निरस्त कर दिया।
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