NCERT Class 6 History in Hindi : Chapter-1 | UPSC Notes in Hindi
अतीत के बारे में हम बहुत कुछ जान सकते है, जैसे की –
- लोग क्या खाते थे ?
- लोग कैसे कपड़े पहनते थे ?
- लोग किस तरह के घरों में रहते थे ?
- बच्चे कौन-से खेल खेलते थे ?
- बच्चे कौन-सी कहानियाँ सुनते थे ?
- लोग कौन-सा नाटक देखा करते थे ?
- वे लोग कौन-कौन-से गीत गाते थे, आदि.
अतीत से हम आखेटकों ( शिकारियों ), पशुपालकों, कृषकों, शासकों, व्यापारियों, पुरोहितों, शिल्पकारों, कलाकारों, संगीतकारों या फिर वैज्ञानिकों के जीवन के बारें में जानकारियाँ हासिल कर सकते है.
इतिहास क्या है ?
मानव के बीते हुए कल की कहानी को इतिहास कहते है. मानव समाज में विभिन्न कालों में तरह-तरह के बदलाव हुए है, जिसका पता हमें इतिहास से चलता है.
इतिहास का महत्त्व क्या है ?
इतिहास से हमें बीते हुए कल के राजाओं, साम्राज्यों और समाज के बारे में पता चलता है. इससे हमें यह पता चलता है की भूतकाल में लोग कैसे रहते थे, क्या खाते थे और क्या पहनते थे ? इतिहास से हम सबक लेते है ताकि एक बेहतर भविष्य बना सकें.
हमें इतिहास का अध्ययन क्यों करना चाहिए ?
हमें इतिहास का अध्ययन करना चाहिए क्योंकि –
- यह हमें हमारे अतीत के बारे में बताता है.
- यह हमें हमारी प्राचीन संस्कृति और जीवन शैली के बारे में जानकारी देता है.
- यह वर्तमान समय की दुनिया की समस्याओं को हल करने में हमारी मदद करता है.
लोग कहाँ रहते थे ?
अतीत के लोग रहते थे –
- नर्मदा नदी के तट पर
- गंगा और सोन नदियों के किनारे
- सिंधु और उसकी सहायक नदियों के पास
- पूर्वोत्तर की गारो पहाड़ियों पर तथा मध्य भारत की विंध्य पहाड़ियों पर
- उत्तर-पश्चिम में स्थित सुलेमान और किरथर पहाड़ियों पर
नर्मदा नदी के तट पर रहने वाले लोग :
कई हजार वर्षों तक लोग नर्मदा नदी के नजदीक रहते थे. वे लोग अपने भोजन के लिए शिकार करते थे और जंगलों से कंद, मूल, फल आदि इकठ्ठा करते थे. ऐसे लोग किसी एक स्थान पर नहीं रहते थे, बल्कि वे खानाबदोश या बंजारे थे.
सुलेमान और किरथर की पहाड़ियों पर रहने वाले लोग :
इन पहाड़ियों में लोग लगभग 8000 वर्ष पूर्व रहते थे. इन्हीं लोगों ने खेती की शुरुआत की थी. वे सबसे पहले गेंहूँ तथा जौ जैसी फसलों को उपजाना शुरू किया. इन लोगों ने भेड़, बकरी और गाय-बैल जैसे पशुओं को पालतू बनाना शुरू किया था. ये लोग गाँवों में रहते थे.
गारो और विंध्य की पहाड़ियों पर रहने वाले लोग :
गारो की पहाड़ियों में रहने वाले लोग उन पहले लोगों में से थे, जिन्होंने धान ( चावल ) की खेती शुरू की. यह स्थान विंध्य के उत्तर में स्थित था.
सिन्धु और उसकी सहायक नदियों के पास रहने वाले लोग :
सिन्धु और उसकी सहायक नदियों के आस-पास आरंभिक शहरों का विकास लगभग 4700 वर्ष पहले हुआ था. गंगा तथा इसकी सहायक नदियों के किनारे तथा समुद्र तटवर्ती इलाकों में नगरों का विकास लगभग 2500 वर्ष पूर्व हुआ था.
- सहायक नदियाँ उन्हें कहते है, जो एक बड़ी नदी में मिल जाती है.
हमारे देश भारत का अन्य नाम
हमारे देश भारत के कई नाम है, जैसे की आर्यावर्त, जंबुद्वीप, भारतवर्ष, भारत, हिंदुस्तान, इंडिया, आदि. वर्तमान में इंडिया, भारत और हिंदुस्तान नाम प्रचलित है.
इंडिया शब्द इंडस से निकला है, जिसे संस्कृत में सिंधु कहा जाता है. लगभग 2500 वर्ष पूर्व उत्तर-पश्चिम की ओर से आने वाले ईरानियों और यूनानियों ने सिंधु को हिंदोस ( इंडोस ) और इस नदी के पूर्व में स्थित भूमि प्रदेश को इंडिया कहा.
भरत नाम का प्रयोग उत्तर-पश्चिम में रहने वाले लोगों के एक समूह के लिए किया जाता था. इसका उल्लेख संस्कृत की आरंभिक कृति ऋग्वेद में मिलता है. बाद में, इसका प्रयोग देश के लिए होने लगा.
इतिहास के स्रोत
1. पांडुलिपि ( Manuscript ) :
हाथ से लिखी हुई किताब को पांडुलिपि कहते है. शुरुआत में पांडुलिपियों को ताड़ के पत्तों या फिर भोजपत्र पर लिखा जाता था. हिमालय क्षेत्र में उगने वाले भूर्ज नामक पेड़ की छाल से भोजपत्र तैयार किया जाता था. पुरानी पांडुलिपियों से धार्मिक विश्वास और रीतियों, राजाओं, दवाइयों, विज्ञान, कविताओं, आदि के बारे में प्रचुर जानकारी मिलती है.
2. अभिलेख :
किसी पत्थर या धातु जैसी कठोर सतहों पर उकेरे हुए लेख को अभिलेख कहते है. किसी पाण्डुलिपि की तुलना में अभिलेख बहुत लंबे समय के लिए संरक्षित रह सकता है. ज्यादातर अभिलेखों में किसी राजा की घोषणा या आदेश मिलते है. ऐसी घोषणाओं को अभिलेख पर इसलिए लिखवाया जाता था ताकि अधिक से अधिक लोग उन्हें पढ़ सकें.
कुछ अभिलेखों में राजाओं, व्यापारियों और अन्य लोगों द्वारा किये गए अच्छे कामों के बारे में लिखा गया था. ऐसे अभिलेख अक्सर संस्कृत या प्राकृत या तमिल भाषा में लिखे गए थे.
3. सिक्के :
सिक्के पर अक्सर उसे जारी करने वाले राजा की तस्वीर रहती है, इसलिए सिक्के से उस समय के राजा के बारे में पता चलता है. सिक्कों से उस ज़माने के कारीगरों की महारत के बारे में पता चलता है. सिक्कों की शुरुआत सबसे पहले प्राचीन ग्रीस में 600 ईसा पूर्व हुई थी.
4. पुरातत्व स्थल :
जिस स्थान से ऐतिहासिक अवशेष मिलते है, उसे पुरातत्व स्थल कहते है. भवन और स्मारक भी पुरातत्व स्थल की श्रेणी में आता है. ऐसे स्थानों से मिलने वाले पुरावशेष और अन्य वस्तुओं से बीते ज़माने के बारे में प्रचुर जानकारी मिलती है.
- पुरावशेषों के अध्ययन के विशेषज्ञ को पुरातत्वविद कहते है.
- अतीत के बारे में अध्ययन करने वाले को इतिहासकार कहते है.
- पांडुलिपियों, अभिलेखों तथा पुरातत्व से ज्ञात जानकारियों के लिए इतिहासकार प्रायः स्रोत शब्द का प्रयोग करते है.
तिथियों / तारीखों का मतलब
तिथियों की मदद से हमें घटनाओं को एक खास क्रम में रखने में सहूलियत होती है, इसलिए इतिहास का अध्ययन करते समय तिथियों का बहुत महत्त्व होता है. इतिहास के बारे में चर्चा करते हुए तारीखों के लिए B.C. ( ई.पू. ) और A.D. ( ईस्वी ) का इस्तेमाल होता है.
वर्ष की गणना इसाई धर्म-प्रवर्तक ईसा मसीह के जन्म की तिथि से की जाती है. ईसा मसीह के जन्म के पूर्व की सभी तिथियाँ ई.पू. ( ईसा से पहले ) के रूप में जानी जाती है.
- B.C. ( ई.पू. ) का तात्पर्य “Before Christ” ( ईसा पूर्व ) है.
- A.D. ( ई. ) का तात्पर्य “Anno Domini” ( ईस्वी ) है.
- Anno Domini, दो लैटिन शब्द से मिलकर बना है जिसका तात्पर्य ईसा मसीह के जन्म के वर्ष से है.
- Before Christ, का मतलब ईसा मसीह के जन्म के वर्ष से पहले है.
- कभी-कभी A.D. की जगह C.E. ( Common Era ) तथा B.C. की जगह B.C.E. ( Before Common Era ) का प्रयोग होता है.
- C.E. और B.C.E. शब्दों का इसलिए करते है क्योंकि विश्व के अधिकांश देशों में अब इस कैलेंडर का प्रयोग सामान्य हो गया है.
- भारत में तिथियों के इस रूप का प्रयोग लगभग 200 वर्ष पूर्व आरंभ हुआ था.
- कभी-कभी B.P. अक्षरों का प्रयोग होता है, जिसका तात्पर्य “Before Present” ( वर्तमान से पहले ) है.
मिस्र के उत्तरी तट पर रोसेट्टा नाम के कस्बे में एक उत्कीर्णित पत्थर मिला है. यहाँ राजाओं तथा रानियों के नाम एक छोटे से फ्रेम में दिखाया गया है, जिसे कारतूश कहा जाता है.
UPSC Prelims में पूछे गए प्रश्न :
Q. निम्नलिखित में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं ?
1. प्राचीन अभिलेख प्रायः संस्कृत अथवा पाली भाषा में लिखे जाते थे.
2. सिक्कों की शुरुआत सबसे पहले प्राचीन ग्रीस में 800 ईसा पूर्व हुई थी.
कथन :
- (a) केवल 1
- (b) केवल 2
- (c) 1 और 2 दोनों
- (d) न तो 1 और न ही 2
प्राचीन अभिलेख प्रायः संस्कृत अथवा तमिल या प्राकृत भाषा में लिखा जाता था. सिक्कों की शुरुआत सबसे पहले प्राचीन ग्रीस में 600 ईसा पूर्व हुई थी.
Q. निम्नलिखित में से कौन-सा/से तत्त्व भारतीय प्राचीन इतिहास के स्रोत है ?
1. पाण्डुलिपि
2. अभिलेख
3. सिक्के
4. पुरातत्व स्थल
कथन :
- (a) केवल 1, 2 और 3
- (b) केवल 1, 2 और 4
- (c) केवल 2, 3 और 4
- (d) उपर्युक्त सभी
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