स्कूलों ने बजट खर्च में बरती कंजूसी, 11 दिन में खर्च करने होंगे ₹4.58 करोड़, वरना लैप्स हो जाएंगे, 22.35% राशि खर्च बाकी
बजट एवं संसाधनों के अभाव का रोना सरकारी स्कूलों में होता हैं, लेकिन जिले में स्थिति उलट है, जो बजट सरकार से मिला वे उसे अब तक खर्च नहीं कर पाए और अब वित्तीय वर्ष खत्म होने के केवल 11 दिन शेष रह गए हैं। पड़ताल में पाया कि सिंगल नोडल अकाउंट (एसएनए) मद में जिले के स्कूलों को 24 करोड़ 30 लाख रुपए मिले थे, उसमें से 18 करोड़ 87 लाख रुपए खर्च हो पाए जबकि अभी भी चार करोड़ 58 लाख रुपए खर्च करना बाकी हैं, यानी 22.35 फीसदी राशि खर्च होना बाकी हैं। कारणों पर गौर करने पर पाया कि कई स्कूलों ने राशि तय समय तक खर्च करने को गंभीरता से नहीं लिया। हालांकि अब जब इस राशि के खर्च करने के कुछ ही दिन शेष बचे हैं तो जिला स्तर के अधिकारियों ने नोटिस थमाना शुरू कर दिया है और रोज मॉनिटरिंग भी करने लगे हैं।
जानकारी में पाया कि जिला स्तर से शिक्षा विभाग ने नोटिस देकर ब्लॉकों के शिक्षा अधिकारियों को संबंधित स्कूलों को नोटिस जारी करने एवं पाबंद करने के लिए निर्देश दिए हैं। फरवरी महीने से लगातार हर सात दिन में वीसी के जरिए भी पीईईओ स्तर तक को जोड़कर उक्त मद की राशि खर्च करके रिपोर्ट पेश करने के लिए कह रहे हैं, लेकिन इसे निचले स्तर से गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। हालांकि जिला स्तर के अधिकारियों के पास ब्लॉकों की सूची तो है, लेकिन किस स्कूल ने अब तक एसएनए मद में राशि खर्च नहीं की, यह जानकारी नहीं हैं। उल्लेखनीय है कि कमजोर स्थिति वाले ब्लॉक में भैंसरोडगढ़, भूपालसागर, भदेसर ब्लॉक को नोटिस भी जारी हुए हैं।
ऐसे समझिए, स्कूलों में राशि खर्च क्यों नहीं हो पाई
• विजयपुर पीईईओ में एसएनए मद में 66 लाख 94 हजार 89 रुपए अलॉट हुए थे। इसमें से 19 लाख 62 हजार 66 रुपए अभी खर्च करना बाकी हैं। एक कारण प्रमुख रूप से यह सामने आया कि एसएनए पोर्टल स्लो चलने से बिल प्रोसस होने में समय अधिक लग हा तथा तकनीकी कारणों से कभी कभी साइट बंद भी चल रही हैं। पीईईओ केलजर में 6 लाख 22 हजार रुपए अलोट हुए थे। इसमें से दो लाख एक हजार 284 रुपए खर्च करने से शेष रहे। कारणों पर पता करने पाया कि पीईईओ के अधीनस्थ स्कूलों द्वारा समय पर बाउचर प्रस्तुत नहीं किए गए।
• पीईईओ सेमलपुरा में 8 लाख 83 हजार 804 रुपए अलॉट हुए। इसमें से 2 लाख 21 हजार 605 रुपए खर्च करना शेष हैं। इधर चित्तौड़ में पूरे ब्लॉक में केवल दुर्ग 100 प्रतिशत राशि खर्च राउमावि दुर्ग को एक लाख 13 हजार 785 रुपए अलोट हुए थे। इसमें से संपूर्ण राशि खर्च करके बिल पोर्टल पर अपलोड कर दिए
जानिये एसएनए मद में कौनसा और फंड स्कूलों को मिलता है स्कूलों के विकास के लिए मिलने वाले समस्त प्रकार के मद को एसएनए मद कहा जाता है। इस मद में कंपोजिट स्कूल ग्रांट में 25 हजार से एक लाख रुपए तक नामांकन के आधार पर मिलते हैं। इसी प्रकार खेल गतिविधियों के लिए 25 हजार रुपए, कॅरिअर मेले के लिए पांच हजार रुपए, निपुण मेले के लिए तीन हजार रुपए, वोकेशनल सीनियर स्कूलों में जहां 2 ट्रेड हैं उन्हें 4.65 लाख रुपए, एक ट्रेंड वाले स्कूल को 3.45 लाख रुपए, यूथ एंड इको क्लब गतिविधियों के लिए 15 हजार रुपए, अन्य गतिविधियों के लिए उमावि को एक लाख और प्रावि एवं उप्रावि को 50 रुपए मिलते हैं। राष्ट्रीय आविष्कार अभियान के लिए उमावि को 12 हजार रुपए का बजट मिलता है। पड़ताल में पाया कि इनमें से अधिकांश बजट जुलाई से सितंबर महीने के बीच मिल जाते हैं। हालांकि फरवरी महीने में केवल ट्रांसपोर्ट वाउचर व वार्षिक उत्सव सहित एक-दो मद की राशि स्कूलों को जारी हुई थीं।
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