आधार कार्ड अपडेशन में खुली पोल: प्रदेश में करीब 16 हजार विद्यार्थियों का मिला दोहरा नामांकन, कई विद्यार्थियों का निजी व सरकारी स्कूल में नाम
पाली . शिक्षा विभाग की ओर से प्रदेश में निजी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों का पोर्टल पर आधार कार्ड अपडेशन कराने पर गड़बड़झाला मिला। करीब 16 हजार विद्यार्थियों का दोहरा नामांकन पाया गया। कई ऐसे विद्यार्थी भी हैं, जिनका नाम शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत निजी स्कूलों में लिखा है। साथ ही उनका नाम सरकारी स्कूल में भी लिखा है। शिक्षा निदेशक बीकानेर की ओर से इन सूचियों का सत्यापन कराया जा रहा है। उसके बाद दोहरा नामांकन मिलने पर पुनर्भरण राशि स्कूलों से वसूलने की कार्रवाई होगी।
रोक दिया भुगतान
निजी स्कूलों में पढ़ने वाले जिन बच्चों का दोहरा नामांकन मिला। उन्हें आरटीई के तहत दी जाने वाली पुनर्भरण राशि रोक दी है। सत्यापन के बाद स्थिति स्पष्ट होने पर उनको भुगतान किया जाएगा। नामांकन दोहरा मिलता है तो पुनर्भरण की अब तक दी राशि को वसूला जा सकता है।
ऐसे मिलती है जानकारी
आरटीई के तहत फर्जी प्रवेश रोकने के लिए पोर्टल पर निजी स्कूलों के विद्यार्थियों की जानकारी ली गई थी। पोर्टल पर विद्यार्थी का नाम, माता-पिता का नाम, विद्यार्थी की जन्म तिथि के साथ आधार संख्या भरवाई। इस पर एक ही आधार पर प्रवेश लेने वाले बच्चों की जानकारी सामने आई।
सरकारी में पढ़ रहे बच्चे, निजी स्कूलों ने उठाया भुगतान
निदेशालय भेजेंगे सूची
निदेशालय की ओर से दोहरे नामांकन की सूचियों का सत्यापन कराने के लिए जिलों में भेजा था। जिलों से सत्यापन सूची मिलने पर निदेशालय भेजी जाएगी। चन्द्रप्रकाश जायसवाल, संयुक्त निदेशक, शिक्षा मंडल, पाली
करवाया सत्यापन
निदेशालय की ओर से दोहरे नामांकन वाले विद्यार्थियों की सूची उपलब्ध कराई थी। जिसका सत्यापन करवाया है। सत्यापन के बाद सूची संयुक्त निदेशक को प्रेषित की है। मदन पंवार, जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक, मुख्यालय, पाली
हर जिले से नाम
पाली, जालोर व सिरोही जिले में ऐसे 610 विद्यार्थी हैं, जिनके दोहरे नाम सामने आए हैं। अधिकारियों को ऐसे हालात प्रदेश के हर जिले में देखने को मिले हैं।
अधिकांश जिलों से सत्यापन की नहीं पहुंची सूचना
निदेशालय की ओर से दोहरे नामांकन वाली सूचियां संयुक्त निदेशक व जिला शिक्षा अधिकारियों को भेज दी थीं। इसके बावजूद अधिकांश जिलों से सत्यापन कर सूची वापस निदेशालय नहीं भेजी है। इसे लेकर हाल ही वापस निदेशालय की ओर से सूची मांगी गई है।
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