एसआई भर्ती पेपरलीक प्रकरण: जिस पेपर से भर्ती हुए उसी को एसओजी ने करवाया हल, पहली बार परीक्षा का ‘रिक्रिएशन’चयनित 705 थानेदारों की दोबारा परीक्षा
जयपुर . पेपरलीक मामले में गिरफ्तार 15 प्रशिक्षु थानेदारों व दो चयनित अभ्यर्थियों सहित एसओजी ने मंगलवार को सभी थानेदारों की दोबारा परीक्षा ली। उन थानेदारों की भी परीक्षा ली गई, जो राजस्थान पुलिस अकादमी (आरपीए) व आरपीटीसी (राजस्थान पुलिस ट्रेनिंग सेंटर) किशनगढ़ में ट्रेनिंग ले रहे हैं। सभी से वे दो-दो पेपर हल कराए गए हैं, जो उन्हें मूल परीक्षा में मिले थे। पूरी परीक्षा की वीडियो रिकॉर्डिंग करने के बाद सभी के हल पेपर सील किए गए हैं। अब इनको विशेषज्ञों से चैक करवाएंगे, जिसका परिणाम एसओजी अपनी तफ्तीश में शामिल करेगी। परीक्षा में 705 थानेदार उपस्थित रहे। आरपीए और आरपीटीसी किशनगढ़ में गैर हाजिर थानेदारों की परीक्षा बाद में होगी।
एसआई भर्ती परीक्षा 13, 14 व 15 सितम्बर 2021 को हुई थी। पड़ताल में सामने आया कि गिरोह ने रवीन्द्र बाल भारती स्कूल से 14 व 15 सितम्बर का पेपर लीक किया था। मामले में एसओजी ने 15 प्रशिक्षु थानेदारों के अलावा 2 ऐसे आरोपियों को भी गिरफ्तार किया है, जिन्होंने चयन होने के बाद भी जॉइन नहीं किया था।
ओमप्रकाश गोदारा(डिप्टी एसपी)
गिरफ्तार थानेदार करणपाल ओमप्रकाश का पुत्र
जगदीश, वर्ष 2018 के बाद एसओजी में फिर गिरफ्तार
2018 से ही भूमिका
पेपरलीक होने के बाद वर्ष 2018 में जगदीश बिश्नोई की भूमिका सामने आई थी। पुलिस के कई प्रयास के बाद भी विभिन्न थानों की पुलिस जगदीश को पकड़ नहीं पाई। इसके बाद बाड़मेर सहित कई जिलों में दर्ज मामले एसओजी में स्थानांतरित किए गए थे।
डिप्टी...
जगदीश पर पचास हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया। कुछ दिन बाद ही एसओजी ने जगदीश को पकड़ लिया। जगदीश की गिरफ्तारी भी नाटकीय रूप में हुई थी। एसओजी ने इसमें ओमप्रकाश गोदारा की सराहनीय भूमिका बताई। ओमप्रकाश उस समय पुलिस निरीक्षक थे, जिनकी पोस्टिंग आबकारी विभाग में थी। बदले में एसओजी ने तीस हजार रुपए ओमप्रकाश गोदारा को रिवार्ड के रूप में दिए। दस हजार रुपए का इनाम जांच अधिकारी मनोज गुप्ता को तथा चार अन्य पुलिसकर्मियों को ढाई-ढाई हजार रुपए का इनाम दिया गया था।
आरपीएससी से पेपर मंगाए, सैट तैयार किया
एसओजी ने सभी की दोबारा परीक्षा लेना तय किया। आरपीएससी से तीनों दिन के पेपर मंगाए गए।फिर परीक्षा लेने के लिए सैट तैयार किए गए। सैट उसी तर्ज पर तैयार किए कि हर किसी को वही पेपर मिले, जो उसने मूल परीक्षा में हल किया था।
जेल से छूटा फिर पेपर किया लीक
एसओजी में गिरफ्तार होने के बाद जगदीश बिश्नोई को वर्ष 2019 में जमानत मिल गई। वह फिर लगातार पेपरलीक गिरोह चलाने लगा। उसने वर्ष 2021 में हुई उपनिरीक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर लीक किया। जिन अभ्यर्थियों को पेपर उपलब्ध कराए, उसमें ओमप्रकाश गोदारा का बेटा करणपाल भी था। उस समय ओमप्रकाश गोदारा डिप्टी एसपी बन चुके थे, जिनकी पोस्टिंग चूरू में थी। करणपाल की गिरफ्तारी के बाद सरकार ने ओमप्रकाश गोदारा को फील्ड पोस्टिंग से हटा दिया है। उन्हें डिप्टी एसपी नागौर से हटाकर आरएसी बीकानेर भेजा गया है। गोदारा बीकानेर के ही रहने वाले हैं।
यहां इतनों ने दी परीक्षा
आरपीए 605 अनुपस्थित 30
आरपीटीसी किशनगढ़ 83 अनुपस्थित 10
हिरासत में सभी 17
एसओजी में गिरफ्तार थानेदारों की परीक्षा की जिम्मेदारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रामसिंह व भवानी सिंह मीना को दी गई। यहां परीक्षा के लिए सरकारी शिक्षकों को भी बुलाया गया था। एसओजी एडीजी वीके सिंह व डीआईजी परिस देशमुख आरपीए पहुंचे। वहीं किशनगढ़ आरपीटीसी पर डीआईजी योगेश दाधीच व अन्य अधिकारी पहुंचे। सभी से दो-दो घंटे के दो पेपर कराए गए। एसओजी ने आरपीएससी से आंसर-की भी ली है, जिससे मिलान कर इसका परिणाम जांचा जाएगा।
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