न संशोधित सिलेबस आया, न नई किताबें; नया शैक्षणिक सत्र पुराने जैसा ही रहेगा
नया शैक्षणिक सत्र 2024-25 भी पुराने सत्र 2023-24 की तरह ही होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि एनसीईआरटी की नई किताबें तैयार नहीं हो सकीं। इसके अलावा शिक्षकों को कैसे पढ़ाना है और उसके बाद मूल्यांकन कैसे करना है, इस बारे में टीचर्स हैंडबुक भी अभी बन रही है। सिलेबस भी अब तक जारी नहीं हो सका है।
दरअसल, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी-2020) के तहत स्कूलों में आने वाले सत्र से 9वीं कक्षा में दो भारतीय भाषाओं सहित तीन भाषा और 11वीं में एक भारतीय भाषा सहित दो भाषाएं अनिवार्य रूप से पढ़ने की शर्त लागू होनी थी। प्रस्ताव नए सत्र में अमल में आना मुश्किल है। शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भास्कर को बताया कि एनसीईआरटी की तीसरी व छठवीं की नई किताबें जुलाई-अगस्त में आने के आसार हैं। 9वीं और 11वीं की किताबें अगले साल शैक्षणिक सत्र 2025-26 में ही आ पाएंगी।
बीच सत्र में किताब बदलना संभव नहीं
शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सत्र के बीच में किताबें आने पर पुरानी किताबें नहीं बदली जा सकती हैं। पर्याप्त समय मिला तो विशेषज्ञों के परामर्श के बाद छात्रों को ब्रिज कोर्स करवा सकते हैं।
2 बार बोर्ड परीक्षा, ओपन बुक पर अभी विचार जारी हर कक्षा में क्रेडिट सिस्टम, साल में बोर्ड परीक्षा के दो मौके और खुली किताब के साथ परीक्षा के प्रावधानों को लागू करने पर भी अभी विचार जारी है। इसे पायलट प्रोजेक्ट के तहत लागू किया जाएगा।
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