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शुक्रवार, 22 मार्च 2024

शिक्षा विभाग में बोर्ड परीक्षा के बाद तबादले शुरू होने की थी उम्मीद, अब लोकसभा चुनाव के कारण शिक्षकों का इंतजार और भी लंबा होना तय, आचार संहिता प्रमोशन व थर्ड ग्रेड की नई नियुक्तियां भी अटकीं, स्कूलों में हर साल दाखिला बढ़ाने का मिलता है टारगेट


 

शिक्षा विभाग में बोर्ड परीक्षा के बाद तबादले शुरू होने की थी उम्मीद, अब लोकसभा चुनाव के कारण शिक्षकों का इंतजार और भी लंबा होना तय, आचार संहिता प्रमोशन व थर्ड ग्रेड की नई नियुक्तियां भी अटकीं, स्कूलों में हर साल दाखिला बढ़ाने का मिलता है टारगेट


आचार संहिता लागू होने के साथ ही अब शिक्षा विभाग में अध्यापकों की पदोन्नति, तबादले के कामों पर भी प्रभाव पड़ा है। एक तरफ अध्यापकों की ओर से शिक्षकों के कैडर की वरिष्ठता फाइनल होने के लिए इंतजार किया जा रहा था, जिससे प्रमोशन प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सके। लंबे समय से तबादलों का इंतजार कर प्रदेश के लाखों शिक्षकों के तबादले बोर्ड परीक्षा खत्म होने के बाद किए जाने थे। लेकिन आचार संहिता के चलते अब ये तबादले व धर्ड ग्रेड के शिक्षकों की नियुक्तियां भी अटक गई है। ऐसे में इन शिक्षकों को तबादले व नियुक्तियां अब जून या फिर जुलाई तक शुरू होने की संभावना है। जानकारी के अनुसार प्रदेश के करीब 1.50+ शिक्षकों व कार्मिकों को तबादलों का इंतजार है। बता दें कि कांग्रेस सरकार ने 85 हजार थर्ड ग्रेड शिक्षकों से तबादलों के लिए आवेदन लिए थे। लेकिन बाद में इन्हें निरस्त कर दिया गया। इसके बाद भाजपा सरकार ने भी शिक्षको के साथ दोगला व्यवहार करते हुए अन्य विभागों में बंपर तबादले किए

बीते दिनों भाजपा सरकार ने सभी विभागों में तबादले किए, लेकिन शिक्षकों को वंचित रखा

बीते दिनों भाजपा सरकार ने मेडिकल हेल्थ, पीएचईडी, ट्रांसपोर्ट, यूडीएच, बिजली, पीडब्ल्यूडी, पुलिस विभाग सहित अन्य विभागों के कर्मचारियों की तबादले किए गए। लेकिन तबादलों से शिक्षकों को वंचित रखा गया। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने बोर्ड परीक्षाओं के बाद तबादलों के संकेत दिए थे। लेकिन अब तबादलों की राह देख रहे शिक्षकों का इंतजार और भी लंबा होना तय है। 2018 में भाजपा सरकार वसुंधरा राजे सरकार की ओर से तृतीय श्रेणी शिक्षकों के स्थानांतरण किए। लेकिन उसके बाद से लेकर आज तक तृतीय श्रेणी शिक्षकों को इंतजार करते लगभग 6 साल बीत गए है लेकिन स्थानांतरण नहीं खोले गए। श्रीगंगानगर व अनूपगढ़ जिले में 1939 सरकारी स्कूल संचालित हैं। इन सरकारी स्कूलों में ग्रेड थर्ड शिक्षकों की संख्या करीब 6941 है। इस दौरान काफी शिक्षकों ने कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में तबादलों के लिए ऑनलाइन आवेदन किए थे।


जिले के सरकारी स्कूलों में 1500 पद खाली, नए सत्र में कम शिक्षकों की संख्या चुनौती होगी: सरकारी स्कूलों में जल्द ही नया सत्र शुरू होने वाला है। इस बार जिले की सरकारी स्कूलों में दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों के सामने शिक्षकों के खाली पद भी परेशानी खड़ी करेंगे। सूत्रों के अनुसार जिले की सरकारी स्कूलों में करीब 1500 पद खाली पड़े हैं। शिक्षा विभाग की ओर से हर साल 10 प्रतिशत दाखिला करवाने का टारगेट दिया जाता है। ऐसे में विभाग का ये आंकड़ा गड़बड़ा सकता है। इसमें प्रत्येक स्कूल के शिक्षकों को 10-15 बच्चों का दाखिला करवाने का लक्ष्य दिया जाता है।

72 हजार शिक्षक डार्क जोन जिलों में कार्यरतः पिछली सरकार के समय प्रिंसिपल,
व्याख्याता व वरिष्ठ अध्यापक सहित अन्य श्रेणी के शिक्षकों के तबादले किए गए, लेकिन तृतीय श्रेणी शिक्षक इंतजार ही करते रह गए। सूत्रों के अनुसार प्रदेशभर में करीब 72 हजार शिक्षक डार्क जोन जिलों में कार्यरत हैं। शिक्षक संघों का कहना है कि तृतीय श्रेणी अध्यापक सरकार की हर योजना को शिखर तक पहुंचाने में अपना अमूल्य योगदान और सहयोग कर रहे हैं किंतु तबादला नीति में तृतीय श्रेणी अध्यापकों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। संगठनों की मांग है कि तबादला नीति लागू कर शिक्षकों के सभी संवर्ग के स्थानांतरण किए जाएं।

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