शिक्षा: किताबों के दाम बढ़ाए, फीस में भी 10 फीसदी तक की वृद्धि दाखिले का मौसम, अभिभावकों की जेब ढीली, बढ़ेगा आर्थिक भार
बड़े विद्यार्थियों का कोर्स छोटे बालकों से सस्ता
चित्तौड़गढ़ . सीबीएसई और आरबीएसई स्कूलों में दाखिले की प्रक्रिया 1 अप्रेल से शुरू होने जा रही है। स्कूलों की ओर से अभिभावकों को फोन कर अवगत करा रहे है कि स्कूलों में शैक्षणिक सत्र 2024-2025 की कक्षाएं शुरू होंगी। दाखिले की प्रक्रिया शुरू होते ही अभिभावकों की जेब खाली होगी, क्योंकि नए सत्र से स्कूली फीस में 8 से 10 फीसदी तक वृद्धि हो गई। किताबों के दाम बढऩे से अभिभावकों पर भार बढ़ेगा। बताया जा रहा है कि निजी स्कूलों में कक्षा 5वीं तक विद्यार्थियों को अपने स्तर पर किताबें खरीदने के लिए बोला जा रहा है। कक्षा 6 से कक्षा 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए एनसीईआरटी की किताबें खरीदी जा रही हैं। छोटे विद्यार्थियों के लिए अलग-अलग स्कूलों में अलग- अलग किताबें हैं। ये किताबें केवल निश्चित दुकान पर ही मिल पाती हैं। जिस दाम में कक्षा 6 से कक्षा 12वीं तक की किताबें मिलती हैं, उतने में ही केजी की किताबें मिल रही हैं। इससे अभिभावक हैरत में हैं।
इस तरह बढ़ रहे दाम
स्कूलों में कॉपी-किताबों के जो सेट पहले औसतन 2 से 4 हजार रुपए में मिलते थे, वह इस बार 5 से 6 हजार रुपए में बिक रहे हैं। निजी प्रकाशकों की किताबें ज्यादा महंगी हैं। स्कूल प्रबंधन भी निजी प्रकाशकों की किताबें ही खरीदने पर जोर दे रहे हैं। निजी प्रकाशकों की किताबों के ऊंचे दाम का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इनकी प्री प्राइमरी की किताबें एनसीईआरटी की उच्च माध्यमिक की किताबों से दोगुना तक महंगी हैं। पुस्तक एवं स्टेशनरी व्यापारियों ने बताया कि स्कूलों की ओर से निश्चित किताब की दुकानें तय कर रखी हैं। केवल अभिभावक उनसे ही किताबें खरीद सकते हैं बल्कि, होना ये चाहिए कि अभिभावक बाजार में किसी भी दुकान से किताबें खरीद सके। एनसीईआरटी में हिंदी की किताब 70 रुपए, अंग्रेजी की 80, गणित की 150, विज्ञान की 170 रुपए है, जबकि केजी में निजी प्रकाशक की हिंदी सुलेख की किताब 150, अंग्रेजी राइटिंग की किताब 135 और रीडिंग बुक 250 से 400 रुपए में मिल रही है।
फीस बढ़ोतरी से जेब पर बोझ
स्कूलों की फीस भी अभिभावकों की जेब पर भारी पडेगी। कई स्कूलों ने शैक्षणिक सत्र 2024-2025 के लिए फीस में बढ़ाई जा रही है। नए सत्र की दाखिला प्रक्रिया भी जल्द शुरू हो जाएगी है। बताया जा रहा है कि कौनसी किताब खरीदनी हैं, यह स्कूल ने निर्धारित किया है। एनसीईआरटी के साथ ही निजी प्रकाशकों की किताबें खरीदवाई जा रही हैं।
इनका कहना है
निजी स्कूलों में अलग-अलग प्रकार की किताबें लागू करना अनिवार्य नहीं हैं। निजी स्कूलों की फीस इनकी समिति तय करती है। निजी स्कूल फीस बढ़ाने के बाद इसकी सूचना शिक्षा विभाग के पोर्टल पर देंगे और अनुमति मिलने के बाद ही इसे लागू करेंगे।-कल्पना शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी, चित्तौडग़ढ़
ऐसे बढ़ेगा अभिभावकों पर भार
अगर कक्षा 8 के विद्यार्थी की फीस 20 हजार रुपए प्रतिवर्ष मानी जाए तो इस सत्र में 10 फीसदी वृद्धि होने पर फीस में 2000 के बढ़ोतरी होगी। इसी प्रकार प्रतिवर्ष दो से तीन हजार रुपए की किताबों में भी 10 फीसदी की बढ़ोतरी होने के बाद 300 अतिरिक्त देने पड़ेंगे। इसके साथ ही विद्यार्थी की ओर से पहने जाने वाली स्कूल ड्रेस की राशि में भी वृद्धि होगी।
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