पहली से पांचवीं तक के बच्चों को एक्टिविटी बेस्ड लर्निंग किट से पढ़ाएंगे, व्यावहारिक ज्ञान मिलेगा
प्राथमिक शिक्षा में बदलाव किया जा रहा है। इसके तहत सरकारी स्कूलों में कक्षा एक से पांचवीं तक के बच्चों को एक्टिविटीज बेस्ड लर्निंग किट से पढ़ाया जाएगा। हाल ही में उच्च स्तर पर इस पर निर्णय हुआ है। यह व्यवस्था इसी सत्र में लागू की जाएगी। नई व्यवस्था से जिले के करीब 100 स्कूलों के बच्चों को व्यावहारिक ज्ञान भी मिलेगा। बच्चों को एक्टिविटीज बेस्ड लर्निंग किट के माध्यम से पढ़ाने के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा
नई व्यवस्था के तहत छोटे बच्चों को अलग-अलग एक्टिविटीज के माध्यम से खेल-खेल में विषय को समझाया जाएगा। इससे उन्हें विषय की बारीकियां समझने में आसानी होगी। चरणों में के 100 व्यवस्था अलग-अलग लागू होगी। चुनिंदा जिले प्राथमिक स्कूलों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर यह व्यवस्था लागू करेंगे।
गणित-हिंदी सहित अन्य विषयों से जुड़ी
सामग्री होगी... बच्चों के लिए किट राजस्थान शिक्षा परिषद की ओर से उपलब्ध कराई जाएगी। इसमें विषय वस्तु और पाठ्यक्रम के अनुसार हिंदी, गणित, विज्ञान, सामाजिक आदि से जुड़ी सामग्री होगी। हिंदी से जुड़े कैरिकेचर, वर्णमाला, वर्णमाला से जुड़ी शब्दावली, गणित से जुड़ी सामग्री में जोड़-बाकी-गुणा-भाग आदि की आकृतियां, प्रेक्टिकली बनाने के लिए चित्र, काउंटिंग टेबल होगी। दीवारों पर भी पेंट कर चित्र बनवाए जा सकेंगे।
अभिभावकों का सरकारी स्कूलों की ओर
बढ़ेगा रुझान : निजी स्कूलों में नर्सरी से कक्षाएं शुरू हो जाती हैं और पहली कक्षा में आते-आते बच्चे का आधार मजबूत हो जाता है, जबकि सरकारी स्कूलों में सीधे पहली कक्षा में प्रवेश होता है। ऐसे में सरकारी स्कूल के अधिकतर बच्चे पढ़ाई में कमजोर रह जाते हैं। एक्टिविटीज बेस्ड लर्निंग किट से अभिभावकों का रुझान भी सरकारी स्कूलों की तरफ बढ़ेगा।
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