Breaking

Primary Ka Master Latest Updates | Education News | Employment News latter 👇

सोमवार, 15 अप्रैल 2024

जिले में शिक्षकों के तबादलों पर प्रतिबंध, इसलिए अधिकारियों ने ढूंढ़ा नया रास्ता,पहले एपीओ फिर मन पसंद जगह पर पोस्टिंग, विभाग ने आचार संहिता में निकाला तबादलों का नया तरीका




जिले में शिक्षकों के तबादलों पर प्रतिबंध, इसलिए अधिकारियों ने ढूंढ़ा नया रास्ता,पहले एपीओ फिर मन पसंद जगह पर पोस्टिंग, विभाग ने आचार संहिता में निकाला तबादलों का नया तरीका

जिले में शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने पिछले लंबे समय से नहीं हो रहे तबादलों का नया रास्ता निकाल लिया है। यहां कार्यरत शिक्षकों को पहले एपीओ करने के बाद डीईओ या सीबीईओ ऑफिस में मुख्यालय करने के बाद शिक्षकों को उनकी पसंदीदा जगह पर पोस्टिंग देने के मामले सामने आए हैं।


इस पर शिक्षक संघों ने भी विरोध जताया है। गौरतलब है कि सरहदी जिले को प्रतिबंधित घोषित करने के साथ ही यहां कार्यरत शिक्षकों को अन्य जिलों में तबादलों की अनुमति नहीं है। शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों के तबादले किए जात हैं। ऐसे में यहां कार्यरत शिक्षकों के लिए तबादले करवाना बहुत बड़ा काम है। ऐसे में अब शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा आचार संहिता में प्रतिबंधित व तबादलों पर प्रतिबंध के नियमों को धत्ता बताते हुए नया रास्ता निकाल लिया गया है। जिसमें शिक्षकों को किसी भी कारण के चलते एपीओ किया जा रहा है।


इसके बाद इसकी जांच करवाई जा रही है। इसी बीच शिक्षकों को या तो वापिस उसी स्कूल में पोस्टिंग दी जाती है या फिर शिक्षक की पसंदीदा जगह पर कार्यग्रहण के आदेश जारी किए जाते है। ऐसे में एक तरफ जहां आचार संहिता में स्थानांतरण हो ही नहीं सकते, वहीं दूसरी तरफ एपीओ कर शिक्षकों को शिक्षण व्यवस्था के तहत स्कूलों में नियुक्त किया जा रहा है ।

 

केस-01: गबन के आरोप में एपीओ, एक माह बाद


पदस्थापना: राउमावि सत्याया में कार्यरत
शिक्षक अर्जुनसिंह पर 18 लाख के गवन का आरोप लगा। जिस पर शिक्षक को जनवरी 2023 में वहां से हटाकर एपीओ कर दिया गया। इसके बाद शिक्षक अर्जुनसिंह को रामावि दामोदरा में पोस्टिंग दी गई। कुछ ही दिनों बाद 22 फरवरी 2023 को शिक्षक को उसके गांव माड़वा के स्कूल में ही सीनियर सैकंडरी स्कूल में पदस्थापित कर दिया गया। ऐसे में 18 लाख का गबन करने के आरोपी शिक्षक को सजा के नाम पर सीधे तौर पर पुरस्कार दे दिया गया। इसके बाद इसका विरोध हुआ तो शिक्षक को वहां से वापिस हटाकर राउमावि सत्याया लगा दिया गया। जहां यह पहले से ही पोस्टेड था ।

केस-02

एपीओ शिक्षक को उसी स्कूल में लगायाः शिक्षा अधिकारी द्वारा पिछले दिनों भणियाणा क्षेत्र की स्कूलों का दौरा किया गया। जिसमें राप्रावि जुनेजों की ढाणी बांधेवा बंद पाई गई। जिस पर 16 मार्च को वहां कार्यरत प्रबोधक इस खान को निलंबित कर मुख्यलय सीबीईओ सम व अध्यापक पुखराज को एपीओ कर दिया गया। इसके बाद अध्यापक पुखराज को वापस उसी स्कूल में लगा दिया गया। जबकि ईस खान अभी भी निलंबित ही चल रहे है। ऐसे में जब स्कूल में दोनों ही शिक्षक उपस्थित नहीं थे तो एक को सजा और एक को वापिस लगाया गया। 

केस-03

शिक्षक एपीओ, दोनों को फिर लगाया गत 6 मार्च 2024 को राप्रावि गमनेवाला में कार्यरत मगन खान व प्रतापसिंह को एपीओ कर मुख्यालय जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक कार्यालय कर दिया गया। इसकी जांच रामगढ़ पीईईओ को दे दी गई। जिसके बाद मगन खान को वापिस राप्रावि गमनेवाला (कोलूतला) लगा दिया गया। वहीं प्रतापसिंह को उसके रहवासी गांव रामगढ़ के पास स्थित कमियां की ढाणी स्थित स्कूल में पोस्टिंग दे दी गई।


शिक्षकों को एपीओ किया है?
डीईओ: जिला शिक्षा अधिकारी सहित विभाग के विभिन्न अधिकारियों को हर महीने स्कूल निरीक्षण करने का लक्ष्य दिया हुआ है। मुझे 10 स्कूलों के निरीक्षण का लक्ष्य है। अगर हम 80 प्रतिशत तक स्कूलों का निरीक्षण नहीं करते तो हमें ही चार्जशीट मिल जाती है। पिछले दिनों जुनेजों की ढाणी व गमनेवाला में स्कूल बंद होने के कारण शिक्षकों को एपीओ करने की कार्रवाई की गई है। भास्कर: जिनों एपीओ किया गया है, उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है?

डीईओ: बिलकुल विभिन्न कारणों से शिक्षकों को एपीओ करने के बाद उनकी जांच संबंधित पीईईओ या सीबीईओ को दी जाती है। उनकी जांच के आधार पर ही अग्रिम कार्रवाई की जाती है। हालांकि इस बीच स्कूलों में रिक्त पदों के चलते शिक्षकों को वापिस पोस्टिंग दे देते हैं।


साकर आपने एपीओ के नाम पर ट्रांसफर कर दिए हैं, आचार संहिता में यह कहां तक रही है? डीईओ हमारे पास अधिकतम 10 दिन तक ही एपीओ कर मुख्यालय पर रखने का पॉवर है। विभाग द्वारा सामान्य तौर पर ही फिर से पोस्टिंग दी जाती है। इसमें अगर किसी जनप्रतिनिधि द्वारा कोई लिखित में मांग की जाती है तो उसके अनुसार भी पोस्टिंग दे दी जाती है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें