Rajasthan Teacher News: प्रदेश में सरकारी स्कूलों में अध्यापकों करीब डेढ़ लाख पद रिक्त
बीकानेर, (निस)। सरकारी स्कूलों को रोड़ कहे जाने वाले अध्यापकों के प्रदेश में करीब डेढ़ लाख पद रिक्त पड़े है। इसके कारण बेरोजगार विद्यार्थी अपने भविष्य निमर्माण को लेकर बाट बोह रहे है। प्रदेश के विद्यालयों में प्रधानाचार्य से लेकर तृतीय श्रेणी के शिक्षकों के पद रिक्त होने से विद्यालयों की व्यवस्थाएं चरमरा रही है। कई उच्थ माध्यमिक विद्यालयों में बिना व्याख्याता और वरिष्ठ अध्यापकों के विद्यार्थी लगातार दो सत्र से परीक्षाएं दे रहे है। शिक्षा विभाग के अनुसार श्रीगंगानगर-अनूपगढ़ जिले में प्रधानाचार्य, उप-प्राचार्य, व्याख्याता बरिष्ठ अध्यापक व अध्यापक सहित अन्य पद लंबे समय से रिक्त चल रहे है। इसका प्रभाव शिक्षण कार्य पर पड़ रहा है। हालांकि तृतीय श्रेणी सहित कुछ शिक्षकों की चुनाव से पहले नियुक्तियां हुई थी।
सरकार ने 2009- 10 से आरटीई लागू करने के बाद भी इसके प्रायवधान के अनुरूप रिक्त पदों को भरा नहीं जा रहा है और न ही अधिनियमों की पालना में पद सृजित किए जा रहे हैं। बेरोजगारी ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। इसी तरह सरकारी विद्यालयों में वर्ष दर वर्ष नामांकन भी बढ़ रहा है, लेकिन भर्तियां आती थी है, तो ऊंट के मुंह में जीरे की कहावत को चरितार्थ करती है। प्रशिक्षित बेरोजगार दर-दर की ठोकरे खा रहे हैं। दर्शन कंबोज, शिक्षक नेता, प्राथमिक माध्यमिक शिक्षक संघ, श्रीगंगानगर ने बताया कि सभी संवर्गों में विभागीय पदोन्नति और सीधी भर्ती से रिक्त शैक्षणिक पदों को अविलम्ब भरना चाहिए। अभिभावकों और विद्यार्थियों में सरकारी विद्यालयों के प्रति जो रूझान बना है,
वह दीर्घकालीन बना रह सके। पद भरे होने से नामांकन में वृद्धि होगी। चेतन प्रकाश सैनी, उपाध्यक्ष, राज. विशेष शिक्षक संघ, श्रीगंगानगर ने बताया कि शिक्षा विभाग में समय पर पदोव्रतियां नहीं होने से विद्यालयों में विशेषकर व्याख्याता और वरिष्ठ अध्यापकों के पद रिक्त है। इससे न केवल शैक्षणिक कार्य बाचित हो रहे है। बल्कि परीक्षा परिणाम भी गुणात्मक दृष्टि से प्रभावित हो रहे हैं।पन्नालाल कड़ेला, सीडीइओ, शिक्षा विभाग, श्रीगंगानगर का कहना है कि वर्तमान में लोकसभा का चुनाव बल रहा है और आचार संहिता लगी हुई है। इस कारण शिक्षा विभाग में रिक्त पड़े पदों पर पदोन्नतियां व विद्यालयों में खाली पदों पर नियुक्तियां नहीं की जा रही है। चुनाव के बाद ही निदेशालय स्तर पर इसको लेकर विभाग कार्रवाई करेगा
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