आरटीई में प्रवेश के नए दिशा निर्देश : उम्र और दस्तावेजों के चक्कर में सैकड़ों बच्चे वंचित नियमों में उलझी नौनिहालों की निजी स्कूलों में निशुल्क पढ़ने की आस
झालावाड़. शिक्षा निदेशालय बीकानेर की ओर निशुल्क बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत निजी स्कूलों में बच्चों को निशुल्क पढ़ाने के लिए जारी की गई नई गाइड लाइन से सैकड़ों बच्चों के सपने टूट गए हैं ।जानकारी अनुसार निशुल्क बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत शिक्षा विभाग हर वर्ष समाज के दुर्बल एवं असुविधा ग्रस्त समूह के बालकों के लिए गैर सरकारी विद्यालयों में निशुल्क पढ़ाने के लिए गाइडलाइन जारी करता है, जिसके तहत गैर सरकारी विद्यालयों में बच्चों का प्रवेश निशुल्क होता है। उन्हें आठवीं तक किसी भी प्रकार का शिक्षण शुल्क नहीं देना होता है, लेकिन शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत गैर सरकारी विद्यालयों में नि:शुल्क प्रवेश प्रक्रिया में इस बार नई आयु पोलिसी बनाने से नौनिहाल बाहर हो गए। निदेशालय द्वारा कक्षा-एक की आयु सीमा में एक साल की कटौती कर दी है, जिसके चलते अभिभावक भी शिक्षा विभाग के नए नियमों से परेशान हो रहे हैं।
जिले में आरटीई के तहत गैर सरकारी स्कूलों की प्री प्राइमरी कक्षा में प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ होने का इंतजार कर रहे उन अभिभावकों के सपने टूट गए, जिनके बच्चों की उम्र 5 से 6 साल के बीच है। सरकार ने पहली कक्षा की आयु सीमा में बदलाव करते हुए 6 से 7 साल तक के बच्चों को ही निशुल्क प्रवेश के लिए पात्र माना। जबकि, पिछले साल तक यह आयु 5 से 7 साल निर्धारित थी। ऐसे में नए नियम से सैंकड़ों बच्चे सीधे-सीधे आरटीई प्रवेश प्रक्रिया से बाहर हो गए, जिन बच्चों की उम्र इस साल 31 जुलाई 2024 तक 5 से 6 साल के बीच है, अब वे आवेदन नहीं कर पाएंगे। अब अभिभावक शिकायतों को लेकर शिक्षा विभाग के चक्कर लगा रहे हैं।
यह है नई गाइडलाइन
शिक्षा विभाग द्वारा जारी की गई नई गाइडलाइन में प्री प्राइमरी कक्षा में गैर सरकारी विद्यालयों में पीपी प्लस 3 आयु सीमा तीन से चार साल एवं कक्षा प्रथम में आयु सीमा छह से सात के मध्य होना चाहिए। इन नियमों के चलते उन्हीं विद्यालयों में प्रवेश हो पाएगा, जिन विद्यालयों में पीपी प्लस 3 संचालित है। जो विद्यार्थी आयु सीमा पांच से छह के उन्हें निशुल्क प्रवेश के लिए पात्र नहीं माना है। ऐसे में सैकड़ों बच्चे आरटीई के दायरे से बाहर हो गए।
आय प्रमाण पत्र का फोरमेट भी बदला
शिक्षा विभाग ने इस साल निशुल्क प्रवेश के पात्र विद्यार्थियों के लिए आय प्रमाण पत्र का फोरमेट भी बदल दिया है। अब राजस्व विभाग द्वारा निर्धारित आय प्रमाण पत्र का फोरमेट जारी किया है। यह 4 पेज का है। अभिभावकों को यही आय प्रमाण पत्र बनवाना होगा, जो नोटरी अटेस्टेड होगा। इसमें दो उत्तरदायी व्यक्तियों के हस्ताक्षर भी होंगे। जबकि, पिछले सत्र तक एक पेज का आय प्रमाण पत्र ही मान्य था।
प्रदेशभर में 1.50 लाख विद्यार्थी वंचित
शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार पिछले साल पहली कक्षा के लिए 5 से 7 साल तक के कुल 2.67 विद्यार्थियों ने आवेदन किया था। इनमें से 5 से 6 साल तक के करीब 1.56 लाख और 6 से 7 साल तक के 1.11 लाख विद्यार्थी थे। अगर, पिछले साल के आंकड़ों पर नजर डाले तो 1.56 लाख विद्यार्थी इस बार आवेदन से वंचित हो सकते है। जबकि, गत वर्ष 5 से 6 साल तक के करीब 1.10 लाख विद्यार्थियों का पहली कक्षा में दाखिला हुआ था ।
हमारे बच्चों की उम्र 5 से 6 साल के बीच है, पिछले साल नर्सरी के लिए आवेदन किया था लेकिन दाखिला नहीं हुआ। इस बार यूकेजी व पहली कक्षा में दाखिले के लिए आवेदन करने का इंतजार कर रहे थे। पोर्टल खुला तो उसमें हमें ही बाहर कर दिया गया। महंगे स्कूलों में पढ़ाने में समर्थ नहीं है। ऐसे में आरटीई से बड़ी उम्मीद थी, जो टूटती नजर आ रही है।-विनोद नागर, अभिभावक
क्या कहते हैं अधिकारी
सरकार की गाइड लाइन के अनुसार कार्य किया जा रहा है। निदेशालय से जो दिशा-निर्देश प्राप्त होंगे, उसे फोलो करेंगे।
सत्येन्द्रपाल शर्मा, कार्यवाहक मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी, माध्यमिक शिक्षा विभाग झालावाड़
यह सरकार के स्तर का मामला है। निदेशालय के निर्देशानुसार कार्य किए जा रहे हैं।
हंसराज मीणा, जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक शिक्षा विभाग झालावाड़
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