तीन साल की डीपीसी पहले से लंबित, अब फिर एक सत्र की हो गई बकाया
31 मार्च तक तीनसत्रों की डीपीसी करने के थे निर्देश
बीकानेर. गत तीन शिक्षा सत्रों से शिक्षकों को पदोन्नति के तोहफे का इंतजार है। अब चौथे सत्र की पदोन्नति भी बकाया हो चली है। ऐसे में शिक्षा विभाग के सामने यह समस्या खड़ी हो गई है कि एक साथ चार शिक्षा सत्रों की डीपीसी कब और कैसे की जाए। गौरतलब है कि सरकार ने 31 मार्च तक तीन सत्रों की डीपीसी करने के निर्देश दिए थे, लेकिन कई संयुक्त शिक्षा निदेशकों ने सेकंड ग्रेड शिक्षकों की वरिष्ठता सूची ही समय पर विभाग को उपलब्ध नहीं कराई। ऐसे में डीपीसी अटकती चली गई।
प्रदेश में नई सरकार के गठन के बाद सेकंड ग्रेड शिक्षकों को तीन साल से बकाया डीपीसी होने की उम्मीद बंधी थी। कार्रवाई भी शुरू हुई, लेकिन समय पर वरिष्ठता सूचियां नहीं भेजने के कारण दस हजार सेकंड ग्रेड शिक्षकों को पदोन्नति फिलहाल अटक गई है। यह पदोन्नति 31 मार्च तक होनी थी।
जानकारी के मुताबिक, सेकंड ग्रेड शिक्षकों की तीन सालों की डीपीसी के लिए 47 हजार शिक्षकों की अस्थाई वरिष्ठता सूची तैयार की गई थी। इसमें से करीब दस हजार शिक्षकों को पदोन्नति का लाभ देना था। आपत्तियां मांग ली गई थीं और उनका निस्तारण भी करीब-करीब हो गया था। अब लोकसभा चुनाव होने के कारण कार्मिकों की ड्यूटी चुनावी कार्यों में लग गई है। ऐसे में इस माह के भी अंत तक डीपीसी संभव नहीं लगती।
इन शिक्षा सत्रों की डीपीसी बकाया
वरिष्ठ शिक्षकों की शिक्षा सत्र 2021-22, 2022-23, 2023-24 की डीपीसी बकाया चल रही है। प्रति वर्ष एक अप्रेल को डीपीसी की तिथि प्रस्तावित होने के कारण आगामी चौथे सत्र 2024-25 की डीपीसी भी लंबित हो गई है।
आचार संहिता आड़े नहीं आती
डीपीसी करने का काम विभाग का है। इसमें लोकसभा चुनावों की आचार संहिता आड़े नहीं आती। अगर समय रहते डीपीसी हो जाएगी, तो प्रदेश में 3800 क्रमोन्नत स्कूलों को विषय व्याख्याता मिल जाएंगे।
- रवि आचार्य, अतिरिक्त प्रदेश महामंत्री, राजस्थान शिक्षक संघ, राष्ट्रीय
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें