UPSC IAS Success Story : देश के सबसे कम साक्षरता वाले जिले से निकली IAS अफसर, पढ़ें यूपीएससी में 18वीं रैंक लाने वाली राधिका की कहानी
UPSC IAS Success Story : मध्य प्रदेश के अलीराजपुर की रहने वाली राधिका गुप्ता ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2020 में 18वीं रैंक हासिल करके अपने क्षेत्र के युवाओं के समक्ष एक जबरदस्त मिसाल कायम की है। अलीराजपुर देश का सबसे कम साक्षरता दर वाला जिला है। राधिका ने अपने पहले प्रयास में ही यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा क्रैक कर दी थी लेकिन रैंक पीछे होने की वजह से उन्हें इंडियन रेलवे सर्विसेज मिला। जबकि वह आईएएस अफसर बनना चाहती थीं। वर्तमान में राधिका रेलवे विभाग में हीं सेवारत हैं। उन्होंने जॉब के साथ अपनी पढ़ाई जारी रखी और 2020 की सिविल सेवा परीक्षा में अपना सपना पूरा किया।
UPSC IAS Success Story : मध्य प्रदेश के अलीराजपुर की रहने वाली राधिका गुप्ता ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2020 में 18वीं रैंक हासिल करके अपने क्षेत्र के युवाओं के समक्ष एक जबरदस्त मिसाल कायम की है। अलीराजपुर देश का सबसे कम साक्षरता दर वाला जिला है। राधिका ने अपने पहले प्रयास में ही यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा क्रैक कर दी थी लेकिन रैंक पीछे होने की वजह से उन्हें इंडियन रेलवे सर्विसेज मिला। जबकि वह आईएएस अफसर बनना चाहती थीं। वर्तमान में राधिका रेलवे विभाग में हीं सेवारत हैं। उन्होंने जॉब के साथ अपनी पढ़ाई जारी रखी और 2020 की सिविल सेवा परीक्षा में अपना सपना पूरा किया।
UPSC IAS Success Story : मध्य प्रदेश के अलीराजपुर की रहने वाली राधिका गुप्ता ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2020 में 18वीं रैंक हासिल करके अपने क्षेत्र के युवाओं के समक्ष एक जबरदस्त मिसाल कायम की है। अलीराजपुर देश का सबसे कम साक्षरता दर वाला जिला है। राधिका ने अपने पहले प्रयास में ही यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा क्रैक कर दी थी लेकिन रैंक पीछे होने की वजह से उन्हें इंडियन रेलवे सर्विसेज मिला। जबकि वह आईएएस अफसर बनना चाहती थीं। वर्तमान में राधिका रेलवे विभाग में हीं सेवारत हैं। उन्होंने जॉब के साथ अपनी पढ़ाई जारी रखी और 2020 की सिविल सेवा परीक्षा में अपना सपना पूरा किया।
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित 'सफलता के मंत्र' कार्यक्रम में राधिका ने कहा, 'मैं जिस जिले से हूं वह साक्षरता दर में सबसे नीचे आता है, लेकिन इसने मेरे पर्सनेल्टी को बनाने में मदद की है। यही मेरे लिए सबसे बड़ा प्रेरणा स्रोत भी है। यहां रहने के बाद ही मुझे समझ आया कि शिक्षा किसी के भी जीवन में कितनी बड़ी भूमिका निभाती है। मैंने जीवन के कई महत्वपूर्ण पहलुओं को सीखा। धैर्य एवं संयम इस परीक्षा ने मुझे सिखाया है।एसजीएसआईटीएस इंदौर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग करने वाली राधिका ने यूपीएससी में एंथ्रोपोलॉजी को ऑप्शनल सब्जेक्ट चुना था। उन्होंने कोई कोचिंग नहीं ली।
युवाओं के कामयाबी के मंत्री देते हुए राधिका गुप्ता ने बताया कि इस परीक्षा की तैयारी के लिए हमें दो साल की ईमानदार मेहनत करनी होगी। अगर हमने अच्छी तरह से मेहनत कर ली तो सफल होने के चांस बढ़ जाते हैं। कभी भी उम्मीद नहीं खोनी चाहिए। अपनी क्षमताओं पर अटूट विश्वास रखें। बड़े सपने देखें और उसको पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करें। फेलियर इस परीक्षा का एक हिस्सा है। कई बार दो या पांच बार हम असफल हो जाते हैं। लेकिन आप डटे रहें।
एक वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में राधिका ने बताया, 'इंजीनियरिंग के बाद मैं दिल्ली में जॉब करने लगी थी। कॉरपोरेट कंपनी में जॉब थी। तब मुझे सिविल सर्विसेज एग्जाम की अच्छी जानकारी मिली। राजेन्द्र नगर के कोचिंग सिस्टम के बारे में भी पता लगा। सिलेबस को समझने के बाद मैंने जॉब छोड़ी और तैयारी के लिए इंदौर वापस आ गई। मैंने जेईई की कोचिंग कोटा से ली थी। कोचिंग सिस्टम को जानती थी इसलिए राजेन्द्र नगर के कोचिंग सिस्टम से दूरी बनाना ठीक समझा। मैंने रोजाना 9-10 घंटे पढ़ाई की। टाइम टेबल बनाया। सोशल मीडिया से दूर रही। टेबल टेनिस का शौक है इसलिए वो जरूर खेला करती थी। मैंने ठान लिया था कि दो बार ट्राय करूंगी। अगर क्लियर हो गया तो ठीक है नहीं तो फिर से कॉरपोरेट जॉब में चली जाऊंगी। इसलिए मैंने किसी अन्य सरकारी नौकरी का फॉर्म भी नहीं भरा था।'
आपको बता दें कि सिविल सर्विसेज परीक्षा 2020 में मध्य प्रदेश के 35 युवा पास हुए हैं। ऐसा मध्य प्रदेश के इतिहास में पहली बार हुआ है। एमपी सरकार ने इन सभी को सम्मानित करने और परीक्षा की तैयारी कर रहे युवाओं को प्रेरित करने के लिए बुधवार को 'सफलता के मंत्र' नाम का कार्यक्रम आयोजित किया था। यहीं यूपीएससी में चयनित युवाओं ने सफलता के मंत्र दिए।
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