12वीं में इम्प्रूवमेंट परीक्षा से नहीं घटेंगे अंक, सुप्रीम कोर्ट ने सीबीएसई की नीति को किया खारिज
सीबीएसई 12वीं की बोर्ड परीक्षा के बाद इम्प्रूवमेंट के परिणाम में मुख्य परीक्षा की अपेक्षा कम अंक आने के बाद भी छात्रों के अंक नहीं घटेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सीबीएसई की पिछले साल जून की मूल्यांकन नीति में निर्दिष्ट उस शर्त को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि बाद की परीक्षा में प्राप्त अंकों को 12वीं के छात्रों के मूल्यांकन के लिए अंतिम माना जाएगा।
न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार की पीठ ने यह आदेश दिया। पीठ ने कहा कि सीबीएसई अंतिम परिणाम की घोषणा के लिए प्रतिभागी को अंतिम शैक्षणिक वर्ष में किसी विषय में प्राप्त दो अंकों में से बेहतर को स्वीकार करने का विकल्प देगा। न्यायालय पिछले साल सीबीएसई द्वारा 12वीं कक्षा के अंकों में सुधार के लिए आयोजित इम्प्रूवमेंट परीक्षा में शामिल हुए कुछ छात्रों की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। शीर्ष अदालत ने कहा, 17 जून, 2021 की नीति के खंड-28 में प्रावधान के बारे में शिकायत की गई है, जिसमें कहा गया है कि बाद की परीक्षा में प्राप्त अंकों को अंतिम माना जाएगा। पीठ ने कहा, इसके परिणामस्वरूप, हमें खंड-28 में उल्लेखित उस शर्त विशेष को खारिज करने में कोई हिचकिचाहट नहीं है कि बाद की परीक्षा में अर्जित अंकों को अंतिम माना जाएगा।
शीर्ष अदालत 11 छात्रों की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिन्हें सीबीएसई ने 30:30:40 की मूल्यांकन नीति के आधार पर मूल परिणामों में उत्तीर्ण घोषित किया था। बाद में उन्हें पिछले साल अगस्त-सितंबर में आयोजित इम्प्रूवमेंट परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी गई थी। पिछले महीने मामले की सुनवाई करते हुए, शीर्ष अदालत ने कहा था कि सीबीएसई को उन छात्रों की समस्या पर विचार करना चाहिए, जो पिछले साल 12वीं कक्षा में अंकों में सुधार के लिए परीक्षा में शामिल हुए थे लेकिन उन्हें कम अंक मिले, क्योंकि यह उच्च अध्ययन के लिए उन्हें मिले प्रवेश को प्रभावित करेगा। मालूम हो कि सीबीएसई ने पिछले वर्ष महामारी के कारण 12वीं बोर्ड परीक्षा रद्द कर दिए थे। न्यायालय ने कहा था कि सुधार परीक्षा में बैठने वाले छात्रों ने अपने मूल परिणामों के आधार पर प्रवेश लिया है। इसमें कोई खलल नहीं डालना चाहिए।
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