नौकरीपेशा के लिए बचत का बेहतर विकल्प है नेशनल पेंशन सिस्टम, कम जोखिम पर ज्यादा रिटर्न और टैक्स छूट की सुविधा
आमतौर पर सभी प्रकार के निवेश की अपनी खूबियां और कमियां होती हैं। इसी प्रकार नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) की भी अपनी खूबियां और कमियां हैं। एनपीएस में निवेश, निवेशक के सेवानिवृत्ति लाभों पर केंद्रित है। नौकरीपेशा के लिए यह बचत के साथ कर लाभ पाने का एक बेहतर विकल्प है।
कम लागत वाला निवेश
एनपीएस एक कम लागत वाला, लचीला और पोर्टेबल बचत खाता होता है जिसमें कर लाभ के साथ फंड खरीदने और बाहर निकलने पर कम लागत की सुविधा मिलती है। एनपीएस में 50 हजार रुपए तक के योगदान पर आयकर अधिनियम की धारा 80सीसीडी(1बी) के तहत कर छूट मिलती है। एनपीएस भारत सरकार की एक पहल है जो सब्सक्राइबर को सेवानिवृत्ति लाभ देती है।
सेवानिवृत्ति से पहले निकासी
एक निवेशक एनपीएस से सेवानिवृत्ति से पहले कभी भी बाहर निकल सकता है। इसमें लॉक-इन पीरियड को 10 वर्ष से घटाकर 5 वर्ष किया जा चुका है। निवेशक एनपीएस में से 20 फीसदी राशि एकमुश्त निकाल सकता है। वहीं 80 फीसदी राशि को वार्षिक भुगतान के लिए छोड़ सकता है। यदि निवेश की कुल राशि 2.5 लाख रुपए से कम है तो सारा पैसा एकमुश्त निकाला जा सकता है। एनपीएस में सेवानिवृत्ति के बाद 75 वर्ष की उम्र तक निवेश किया जा सकता है।
कम जोखिम पर ज्यादा रिटर्न
जानकारों के मुताबिक, एनपीएस में निवेश की गई राशि का प्रबंधन शीर्ष फंड हाउस करते हैं। इस कारण इसमें निवेश पर ज्यादा रिटर्न मिलता है। इसका नियमन सरकारी संस्था पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) करता है, जिससे जोखिम कम रहता है। लंबी अवधि तक निवेश करने वाले निवेशकों के लिए यह बेहतर विकल्प है। इसमें नॉमिनी को नामित करने की सुविधा भी मिलती है।
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