UPPSC: विवाद बढ़ा तो दो साल बाद जारी की पीसीएस की उत्तरकुंजी
सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा (पीसीएस) परीक्षा की उत्तरकुंजी को लेकर विवाद बढ़ने पर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने 2019 और 2020 की प्रारंभिक परीक्षा की उत्तरकुंजी एकसाथ बुधवार को जारी कर दी। 15 दिसंबर 2019 को प्रदेश के 19 जिलों में आयोजित पीसीएस-2019 की प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम दो साल पहले 17 फरवरी 2020 जबकि 11 अक्टूबर 2020 को आयोजित पीसीएस-2020 की प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम नवंबर 2020 को जारी हुआ था।
इन दोनों भर्तियों का अंतिम परिणाम क्रमश: 17 फरवरी 2021 और 12 अप्रैल 2021 को जारी हुआ था। उत्तरकुंजी और आंसरशीट को लेकर प्रतियोगी छात्रा रश्मि मिश्रा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इस मामले की सुनवाई चल रही है। आयोग के परीक्षा नियंत्रक का कहना है कि उत्तरकुंजी के जारी करने में तकनीकी व्यवधान के कारण कुछ विलंब हुआ है। लेकिन भविष्य में परीक्षा की शुचिता, वैधानिकता तथा अभ्यर्थियों की सुविधा के दृष्टिगत समय के अंदर उत्तरकुंजी जारी की जाएगी।
आयोग के विशेषज्ञों की योग्यता पर सवाल
यूपीपीएससी की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा पीसीएस-2019 व 2020 के 250 प्रश्नों में से क्रमश: 13 और आठ प्रश्नों के गलत होने से विशेषज्ञों की योग्यता पर भी सवाल खड़े हुए हैं। आखिरकार किन विशेषज्ञों से प्रश्नपत्र तैयार करवाए जाते हैं कि निर्विवाद 250 सवाल नहीं पूछ सकते। प्रतियोगी छात्र लगातार ये आरोप लगाते रहे हैं कि भर्ती परीक्षाओं में जानबूझकर गलत सवाल पूछे जाते हैं ताकि बाद में संशोधन के नाम पर मनमानी की जा सके। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष अवनीश पांडेय का कहना है कि आयोग को ऐसे अनुभवहीन विषय विशेषज्ञों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए उसे सार्वजनिक करना चाहिए ताकि दूसरे लोग सबक ले सकें और भविष्य में ऐसी गलती दोबारा न हो।
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