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शुक्रवार, 20 मई 2022

स्मार्ट एजूकेशन की राह में प्रशस्त हो रही अगली पीढ़ी के लिए मिट रही है डिजिटल खाई...



 स्मार्ट एजूकेशन की राह में प्रशस्त हो रही अगली पीढ़ी के लिए मिट रही है डिजिटल खाई...

 बच्चों की बेहतर शिक्षा के लिए माता-पिता हरसंभव प्रयास करते हैं। कोरोना काल ने जहां कई नुकसान पहुंचाए वहीं डिजिटल तकनीक की मदद से शिक्षा के नए द्वार भी खोले। अध्यापकों ने भी इस बात को समझा कि सामान्य तरीके से पढ़ाने के बजाय इंटरैक्टिव तरीका ज्यादा कारगर साबित हो रहा है। बच्चे पढ़ाई के साथ ही तकनीक को लेकर भी काफी कुछ सीख गए। कोडिंग, एप्स और मोबाइल तकनीक में बच्चों की रुचि बढ़ गई। 

अब चूंकि स्कूल खुल चुके हैं, ऐसे में बच्चों को दोबारा पुरानी पद्धति से पढ़ाना कहीं न कहीं उन्हें दोबारा एक सीढ़ी नीचे लाना होगा। इसी जरूरत को समझते हुए बीते दिनों वाराणसी के जवाहर नवोदय विद्यालय में 'सैमसंग स्मार्ट स्कूल' का उद्घाटन हुआ। जिसके तहत स्कूल में स्मार्ट क्लासरूम स्थापित किए गए हैं। इनसे न सिर्फ विद्यार्थियों को उन्नत डिजिटल लर्निंग का अनुभव मिलेगा बल्किा शिक्षकों को भी इंटरैक्टिव शिक्षण के तरीकों को उन्नत करने में सहायता मिलेगी।

वैश्विक नागरिकता कार्यक्रम सैमसंग स्मार्ट स्कूल के अंतर्गत सैमसंग ने अपना यह फ्लैगशिप शुरू किया है। जिसका एक उद्देश्य भारत के आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को डिजिटल शिक्षा और उन्हें अपने 'टुगेदर फॉर टुमॉरो! इनेबलिंग पीपुल' (भविष्य के लिए साझेदारी! लोगों का सशक्तीकरण) विजन के तहत विकसित ट्रांसफॉर्मेटिव इनोवेशंस के फायदे उपलब्ध कराकर भविष्य के लिए युवा नेतृत्व तैयार करना है। 

इस दौरान वाराणसी के जिलाधिकारी और जवाहर नवोदय विद्यालय के पूर्व छात्र कौशल राज शर्मा, नवोदय विद्यालय समिति क्षेत्रीय कार्यालय, वाराणसी के उपायुक्त एस.के. महेश्वरी, सैमसंग इंडिया के उप प्रबंध निदेशक पीटर री, सैमसंग इंडिया के कॉरपोरेट सिटिजनशिप वाइस प्रेसिडेंट पार्थो घोष और जवाहर नवोदय विद्यालय, वाराणसी के प्राचार्य पी. के. सिंह मौजूद रहे।

इसके अंतर्गत कक्षा में पारंपरिक ब्लैकबोर्ड की जगह 85 इंच का सैमसंग फ्लिप इंटरैक्टिव डिजिटल बोर्ड होगा, जो छात्रों के लिए पढ़ाई के माहौल को रोचक और मजेदार बना देगा। छात्र दूसरे सैमसंग फ्लिप (55-इंच) का उपयोग लेक्चर, प्रश्नोत्तरी, क्लास वर्क और प्रोजेक्ट वर्क में हिस्सा लेने के लिए कर सकेंगे, और स्वाध्याय के लिए हर कक्षा में मौजूद 40 गैलेक्सी टैब का इस्तेमाल कर सकेंगे। कक्षाओं में एक प्रिंटर, एक सर्वर पीसी, एक टैबलेट चार्जिंग स्टेशन, और पावर बैकअप भी मौजूद है।

स्मार्ट एजूकेशन की इस प्रगति को लेकर जवाहर नवोदय विद्यालय, वाराणसी के प्राचार्य पी. के. सिंह के अनुसार, 'वाराणसी के दूर-दराज के इलाकों में छात्रों को डिजिटल शिक्षण में समर्थ बनाने के लिए सैमसंग द्वारा किए गए प्रयासों को देखकर हमें बहुत खुशी हो रही है। सैमसंग स्मार्ट स्कूल और इस कार्यक्रम का सुदृढ़ शिक्षक प्रशिक्षण हिस्सा पहले से ही छात्रों के लिए शिक्षण प्रक्रियाओं को बेहतर करने में हमारी मदद कर रहे हैं और आगे ये डिजिटल खाई को पाटने में बहुत उपयोगी साबित होंगे।'

सैमसंग इंडिया में कॉरपोरेट सिटिजनशिप के वाइस प्रेसिडेंट श्री पार्थाघोषने कहा, 'हमारी वैश्विक नागरिकता पहल सैमसंग स्मार्ट स्कूल भारत के विकासात्मक एजेंडे के साथ करीब से जुड़ी हुई है और हम इसे सरकार के साथ बेहद करीबी साझेदारी में कार्यान्वित कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को डिजिटल शिक्षा के फायदों तक पहुंच मिल सके। वाराणसी का यह सैमसंग स्मार्ट स्कूल छात्रों को डिजिटल शिक्षण के मौके उपलब्ध कराएगा और पढ़ाने में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल करने की शिक्षकों की क्षमता को उन्नत करेगा। सैमसंग स्मार्ट स्कूल कार्यक्रम पावरिंगडिजिटलइंडिया (डिजिटल भारत का सशक्तीकरण) के हमारे सपने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को मजबूत करता है।'

सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स पूरी दुनिया में तीन नागरिकता कार्यक्रम चलाती है- सैमसंग स्मार्ट स्कूल, सैमसंग इनोवेशन कैंपस और सॉल्व फॉर टुमॉरो (भविष्य के लिए समाधान) - जिनके माध्यम से यह भविष्य के नेतृत्व को सशक्त करती है और उन्हें ऐसे उपकरणों से सुसज्जित करती है, जो सार्थक बदलाव लाने के लिए भविष्य में उनकी जरूरत बन सकते हैं। सैमसंग स्मार्ट स्कूल के इस कार्यक्रम के तहतवाराणसी के अतिरिक्त ग्वालियर, रायपुर, उदयपुर, कांगड़ा, संभलपुर, फरीदाबाद, देहरादून, पटना और धनबाद के जवाहर नवोदय विद्यालयों में सैमसंग स्मार्ट स्कूल स्थापित किए जा चुके हैं। सैमसंग स्मार्ट स्कूल का लक्ष्य संवादात्मक डिजिटल शिक्षण पद्धति के माध्यम से कक्षा में छात्रों की सीखने की क्षमताओं को बेहतर करना और जटिल अवधारणाओं को समझने में उनकी मदद करना है। इसके लिए शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया है।



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