रा.उ.प्रा. विद्यालयों के 23 हजार प्रधानाध्यापक पदोन्नति से वंचित
बीकानेर,। राज्य के सबसे बड़े विभाग शिक्षा विभाग के एक आदेश ने प्रदेश के सभी राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत करीब 23 हजार प्रधानाध्यापकों को न केवल पदोन्नति से वंचित कर दिया इससे अब पातेय वेतन प्रधानाध्यापक के अलावा एक भी पदोन्नति बिना राजकीय सेवा से सेवानिवृत्त हो रहे हैं। जबकि शिक्षा विभाग के नियमों के मुताबिक उन्हें कम से कम दो पदोन्नति मिलनी चाहिए थी।
राज्य के शिक्षा विभाग में 2009- 10 में करीब 23 हजार उच्च प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को पातेय वेतन पर पदोन्नति दी गई थी। लेकिन वर्तमान में 13 वर्ष से भी अधिक का समय होने पर भी इन्हें वरिष्ठ अध्यापक व आगामी वरिष्ठता का लाभ नहीं मिल पा रहा है। हुआ यह है कि विभाग ने इन शिक्षकों को तृतीय श्रेणी शिक्षक से वरिष्ठ अध्यापक पद पर पातेय वेतन पर पदोन्नति कर दी। इसके बाद उन सभी के पदनाम और स्कूल बदल दिए गए क्योंकि यह पदोन्नति सक्षम स्तर के अधिकारी शिक्षा उपनिदेशक संभाग के लिखित आदेशों से हुई थी। प्रदेश में शिक्षा विभाग के लिए 29 एवं 30 मार्च 2011 को गजट नोटिफिकेशन जारी किया गया। 2013 में स्टेट एजुकेशन के रूल्स बनाए गए।
उनमें तृतीय श्रेणी से वरिष्ठ अध्यापक में पदोन्नति के लिए जिलेवार मेरिट बनाकर जिलेवार ही पदोन्नति दी जाती थी। जिसे मार्च 2016 में बदलकर जिला मेरिट के बजाय मंडल के चार पांच जिलों को मिलाकर बरिष्टता सूची बनाई जाने लगी। इसी फेरबदल को पातेय वेतनधारी उच्च प्राथमिक विद्यालय प्रधानाध्यापकों पर पुरानी तिथि में लागू कर दिया गया। शिक्षक संघ रेसटा के प्रदेशाध्यक्ष मोहर सिंह सलावद ने बताया कि आरटीई एक्ट 2009 जिसे प्रदेश में एक अप्रेल 2010 से लागू किया गया।
उस अवधि में बने नियमों को नॉन राइट टू एजुकेशन एक्ट 2008 से लागू करना केंद्रीय अधिनियम की 38 धाराओं का उल्लघंन करना है जो राज्य के अधिकार क्षेत्र से बाहर है। केंद्र सरकार के आरटीई अधिनियम जिसमें राज्यों को केवल धारा 3 में ही सीमित अधिकार है। फिर भी शिक्षा विभाग ने 2013 में बने नियम को संशोधन कर बैंक डेट में लागू कर दिया। 2008 में रिक्त पदों की सीनियरिटी का लाभ उन शिक्षकों को दिया जो मार्च 2016 में और उसके बाद तृतीय श्रेणी शिक्षक से वरिष्ठ अध्यापक में पदोन्नत हुए थे।
प्रदेश में पातेय वेतन पदोन्नत 2009-10 वालों को इसी पद वाले पूर्व के कोर्ट फैसले केएन भटनागर बनाम भारतीय संघ पातेय वेतन प्रधानाध्यापक सैकेंड ग्रेड को पातेय वेतन पदोन्नति दिनांक से उक्त पद के सभी लाभ प्रदान किए थे। वैसे ही लाभ 2009-10 में पातेय वेतन पर पदोन्नत सभी शिक्षकों को उनकी पदोन्नति की तारीख से दिए जाए एवं शिक्षक पद से पदोन्नति पाने वाले सभी शिक्षा विभागीय लोकसेवकों के लिए समान पदोन्नति नियमावली समान रूप से लागू की जाए।
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