Breaking

Primary Ka Master Latest Updates | Education News | Employment News latter 👇

रविवार, 31 मार्च 2024

स्कूलों में कमीशन की किताबें; NCERT 9वीं का बुक सेट ₹ 850 में, स्कूलों में ₹ 9500 का



 स्कूलों में कमीशन की किताबें; NCERT 9वीं का बुक सेट ₹ 850 में, स्कूलों में ₹ 9500 का

अजमेर। स्कूलों में नया सेशन शुरू होने से पहले शहर के अलग-अलग बुक सेलर्स के यहां अलग-अलग स्कूलों की किताबों के लिए विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों की भीड़ उमड़ रही है। सीबीएसई के ज्यादातर स्कूलों की किताबें स्कूल प्रबंधन द्वारा तय की गई दुकान पर ही मिलती है। यहीं पर अभिभावकों की जेब पर कमीशन का पहला डाका पड़ रहा है। हर साल 2 से 3 हजार रुपए तक किताबों की कीमतों में वृद्धि से अभिभावक परेशान हैं लेकिन मजबूरी में खामोशी से अपनी जेब हल्की करवा रहे हैं। इस साल भी यह खेल बदस्तूर जारी है।


एनसीईआरटी की किताबों का जो सेट कुछ सौ रुपए में मिल रहा है सीबीएसई से संबद्ध प्राइवेट स्कूलों में अलग-अलग पब्लिशर्स की किताबों का उसी कक्षा का सेट हजारों रुपए में मिल रहा है। भास्कर ने जब अभिभावकों, बुक सेलर्स से बात की तो कमीशन का खेल सामने आया। कई स्कूलों द्वारा एक्स्ट्रा किताबें जोड़ कर खरीदने के लिए मजबूर किया जा रहा है। पिछले साल की किताबें भी इस साल उपयोगी नहीं बता कर नई खरीदवाई जा रही हैं जिससे अभिभावकों के सामने 3500 से 10 हजार तक की किताबों के सेट खरीदने की मजबूरी इस बार भी है।


प्राइवेट पब्लिशर्स की एक्स्ट्रा सब्जेक्ट की किताबें सबसे ज्यादा महंगी

पुरानी मंडी स्थित शहर के प्रसिद्ध बुक स्टोर की संचालक प्रियंका सैनी कहती हैं कि उनके यहां एनसीईआरटी और प्राइवेट पब्लिशर्स दोनों तरह की किताबें मिलती हैं। एक ही कक्षा की किताबों में जमीन आसमान का अंतर है। वह कहती हैं कि सीबीएसई प्राइवेट स्कूलों में 8वीं तक जो किताबें चलाई जाती है वह स्कूलों की अपनी मर्जी की किताबें होती हैं। इनमें एक्स्ट्रा ऐसी बुक्स भी शामिल होती हैं जिनकी लिखित परीक्षाएं स्कूल कराते ही नहीं। यही किताबें सबसे ज्यादा महंगी होती हैं। इनकी परीक्षा ओरल या प्रेक्टिकल के नाम पर ही पब्लिशर की होती है। हर बड़ों स्कूल के अलग अलग पब्लिशर्स है जिन‌की किताबों की दरें बहुत ज्यादा है।  


ऐसे स्कूल कमीशन के लिए एनसीईआरटी की किताबों को दरकिनार करते हैं। प्रियंका का कहना है कि एनसीईआरटी की 5वीं की किताबों का सेट महज 260 रुपए का है। यह किताबें केवी और डेमो स्कूल में पढ़ाई जा रही है। लेकिन शहर के नामी प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थी को इसी कक्षा की किताबों के लिए बुक सेलर को 3800 से 4000 रुपए तक चुकाने पड़ रहे हैं। प्रियंका के मुताबिक यह कमीशन के लिए ही होता है। वह कहती हैं कि कमीशन का पता इसी बात से चल जाता है कि प्राइवेट स्कूलों की बताई किताबें एमआरपी रेट पर ही दी जाती हैं। इसमें एक रुपया भी दुकानदार कम नहीं करते जबकि किताबों में भी कन्सेशन मिलता है ।


डेढ़ सौ पत्रों की किताब ₹340 की, 4-5 एक्स्ट्रा किताबें भी दीं

अभिभावक मुकुल विश्वास का कहना है कि नौवीं कक्षा में पढ़ रही उनकी किताबों का सेट एक बुक सेलर के 9500 रुपए में आया। केवी में इसी कक्षा में पढ़ने वाले परिवार के एक बच्चे की किताब 850 रुपए में मिल गई। उनकी दूसरी बेटी की किताबों का सेट 3600 रुपए में आया जबकि एनसीईआरटी की किताबों का इसी कक्षा का सेट 260 रुपए का मिल रहा है। एक अन्य अभिभावक ने बताया कि ४वीं की किताब 3839 रुपए में मिली जबकि एनसीईआरटी का सेट 640 रुपए का मिल रहा है। स्कूल न किताबें रिजेक्ट कर दीं। एक अन्य अभिभावक ने बताया 4 से 5 बुक्स एक्सट्रा खरीदनी पड़ीं। 150 पन्नों की किताब के लिए 340 रुपए तक चुकाए ।


सिर्फ एक चैप्टर इधर से उधर किया, नई किताबें लेनी पड़ीं

शहर के एक नामी इंटरनेशनल स्कूल के विद्यार्थी के पिता प्रदीप अग्रवाल ने कहा कि उनके परिवार की एक बेटी छठी कक्षा में आई है। उसकी ऽवीं की किताबें मेरे बेटे के लिए लों लेकिन स्कूल ने इसे रिजेक्ट कर दिया। दोनों एक ही स्कूल में हैं। कारण बताया कि इस बार किताबों में कुछ बदलाव किया गया है। नई किताबें खरीदनी पड़ी हैं। बदलाव के नाम पर केवल एक चैप्टर इधर से उधर किया है। प्रदीप कहते हैं स्कूलों के कमीशन के चक्कर अभिभावक पिस रहे हैं। एक अन्य अभिभावक ने बताया कि उनके बेटे की तीसरी कक्षा की टेस्ट नोट बुक पिछले साल खाली रह गई। स्कूल ने केवल कवर का रंग बदला है, नई लेनी पड़ी ।


दो सप्ताह बाद पूरा सेट नहीं मिलेगा : किताबों को लेकर अभिभावकों की एक परेशानी यह भी है कि सेशन शुरू होने से पहले अगर किताबें खरीद लीं तो पूरा सेट मिल जाएगा लेकिन दो सप्ताह बाद गए तो कोई न कोई किताब कम ही मिलेगी। जो साल खत्म होने तक नहीं आती। रोचक पहलू यह है कि वह किताबें हमेशा मिल जाती हैं जो स्कूलों ने एक्स्ट्रा जुड़वाई होती हैं।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें