Rajasthan Teacher News: प्रदेश के 200 से ज्यादा सरकारी महाविद्यालयों को चाहिए प्राचार्य
अजमेर. कॉलेज शिक्षा निदेशालय के अधीन 200 से ज्यादा सरकारी महाविद्यालयों में प्राचार्यों की जरूरत है, लेकिन शिक्षक आवेदन के इच्छुक नहीं हैं। सबसे बड़ी वजह प्रोफेसर और प्राचार्य पद के वेतनमान में खास अंतर नहीं होना है। कामकाज का बोझ और ग्रामीण इलाकों में तैनाती पर शहरी भत्तों का आर्थिक नुकसान भी उन्हें कदम बढ़ाने से रोक रहा है।
राज्य में 556 यूजी-पीजी कॉलेज हैं। इनमें 250 से ज्यादा कॉलेज पिछले पांच साल में ग्रामीण-उपखंड स्तर पर खुले हैं। इनमें आस-पास के बड़े कॉलेज के प्रोफेसर अथवा वहीं कार्यरत वरिष्ठ शिक्षकों को प्राचार्य पद की जिम्मेदारी दी गई है। इनमें स्थायी प्राचार्यों की तैनाती की जानी है। प्राचार्य पद के लिए निदेशालय ने पहले 28 मार्च तक आवेदन तिथि तय की थी। इनके आवेदन जमा करने के लिए 460 नोडल कॉलेज भी बनाए गए हैं, लेकिन पर्याप्त आवेदन नहीं मिलने पर तिथि 30 अप्रेल तक बढ़ाई गई है।
यहां भी यही हाल
राज्य के 11 इंजीनियरिंग कॉलेजों में स्थायी प्राचार्यों की नियुक्ति नहीं हुई। तकनीकी शिक्षा विभाग प्राचार्य पद के लिए तीन बार आवेदन मांग चुका है, लेकिन प्रोफेसर यहां प्राचार्य नहीं बनना चाहते हैं। लिहाजा सरकार को एसोसिएट प्रोफेसर को ही प्राचार्य बनाना पड़ा है।
फैक्ट फाइल
- 556 कॉलेज हैं राज्य में
- 200 से ज्यादा कॉलेजों में नहीं हैं स्थायी प्राचार्य
- 30 लाख से ज्यादा विद्यार्थी नामांकित हैं इन कॉलेजों में
- 03 हजार से ज्यादा शिक्षक कार्यरत
- 2500 पद रिक्त हैं कॉलेजों में
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें