टीचर्स की कमियों को टेक से भरना चाहते हैं पीएम मोदी
NEW DELHI मुझे टेक्नोलॉजी का पागलपन है, खुद एक्सपर्ट नहीं हूं. मुझमें इसको लेकर छोटे बच्चे की तरह क्यूरोसिटी रहती है. यह बात पीएम नरेंद्र मोदी ने माइक्रोसॉफ्ट के को-फाउंडर बिल गेट्स को दिए एक इंटरव्यू में कही. उन्होंने कहा कि मैं एडवांस चीजों को खोजता रहता था, लेकिन मैं टेक्नोलॉजी का गुलाम नहीं हुआ.
बिल गेट्सः भारत का इतिहास ही पर्यावरण के अनुकूल रहा है, इसे मौजूदा समय के साथ कैसे जोड़ा जा सकता है.
पीएम मोदीः अपनी जैकेट दिखाते हुए बोले, यह रिसाइकल मटेरियल से बनी है. हमने प्रगति के पैरामीटर क्लाइमेट फ्रेंडली बनाए थे, आज हमारे प्रगति के सारे पैरामीटर एंटी-क्लाइमेट हैं.
बिल गेट्सः एआई एक बहुत बड़ा अवसर है और इसके साथ कुछ चुनौतियां भी आती है. भारत इसे कैसे सुलझाएगा ?
पीएम मोदीः इतनी अच्छी चीज अगर प्रॉपली ट्रेन्ड किए बिना किसी के हाथ में दे दी जाए तो उसके गलत इस्तेमाल की संभावना ज्यादा होती है. मैंने एआई बनाने वाले लोगों से बात की और उनसे सभी एआई जनरेटेड चीजों पर वाटर मार्क लगाने को कहा. ताकि कोई मिसगाइड ना हो.. और यह बुरी चीज नहीं है. अगर हम एआई को एक मैजिक टूल के रूप में इस्तेमाल करेंगे तो शायद अन्याय होगा
बिल गेट्स: भारत न केवल टेक्नोलॉजी को अपना रहा है, बल्कि इसे लीड भी कर रहा है... ऐसी कौन-सी चीजें हैं, जिनके बारे में आप
पीएम मोदी: हेल्थ, एग्रीकल्चर और एजूकेशन के क्षेत्र में मैंने 2 लाख आयुष्मान आरोग्य मंदिर गांवों में बनाएं, मैं स्वास्थ्य केंद्रों को मॉडर्न टेक्नोलॉजी से बड़े अस्पतालों के साथ जोड़ देता हूं. शुरुआत में उन्हें लगता था कि डॉक्टर सामने नहीं है, मुझे देखे बिना इलाज कैसे कर रहा है? लेकिन बाद में उन्हें समझ आया कि टेक्नोलॉजी की मदद से सैकड़ों किलोमीटर दूर बैठा डॉक्टर भी उन्हें सही इलाज दे रहा है. मैं बच्चों तक बेस्ट एजुकेशन पहुंचाना चाहता हूं. टीचर्स की जो कमियां हैं, उसे टेक से भरना चाहता हूं. बच्चों का इंटरेस्ट विजुअल्स, स्टोरी- टेलिंग में है. मैं उस तरह के कॉन्टेंट की दिशा में काम कर रहा हूं
बिल गेट्स: मुझे लगता है भारत जिन विषयों से संबंधित टेक्नोलॉजी ला रहा है. उसमें से एक यह है कि यह सभी के लिए अवेलेबल हो. वास्तव में उन लोगों को उपर उठाना चाहिए जिन्हें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है।
पीएम मोदीः मैं गावों तक डिजिटल फैसिलिटी पहुंचाना चाहता हूं. मैं भारत के गांवों में तीन करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाना चाहता हूँ, गांव में महिला मतलब भैंस चराना, गाय चराना, दूध निकालना... लेकिन ऐसा नहीं है. मैंने उनके हाथ में ड्रोन दिया है. लोगों को लगना चाहिए ये हमारे गांव को बदल रही हैं. इन दिनों जब ड्रोन दीदी से बातें करता हूं, वो काफी खुश होती हैं और कहती हैं कि हमको साइकिल चलाना नहीं आता था, आज हम पायलट बन गई हैं, ड्रोन उड़ा रहीं हैं.
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