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सोमवार, 4 मार्च 2024

UPPSC RO-ARO Exam आरओ , एआरओ एग्जाम के नकल के खेल में सरकार को 41 करोड़ की चोट

UPPSC RO-ARO Exam आरओ , एआरओ एग्जाम के नकल के खेल में सरकार को 41 करोड़ की चोट

 UPPSC RO-ARO Exam आरओ , एआरओ एग्जाम के नकल के खेल में सरकार को 41 करोड़ की चोट


 समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (आरओ/एआरओ) 2023 की प्रारंभिक परीक्षा निरस्त होने के कारण एक तरफ प्रतियोगी छात्रों की सरकारी नौकरी का इंतजार बढ़ा है तो दूसरी ओर नकल के खेल ने सरकार को 41 करोड़ रुपये की चोट दी है। आरओ के 334/एआरओ के 77 कुल 411 पदों पर आवेदन करने वाले 1076004 अभ्यर्थियों के लिए 58 जिलों में 2387 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। इतने बड़े पैमाने पर परीक्षा कराने में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को 41 करोड़ रुपये खर्च करने पड़े थे, लेकिन नकल माफियाओं ने पेपर लीक करके पूरी व्यवस्था पर पानी फेर दिया।


अब नए सिरे से परीक्षा कराने में इतनी ही रकम फिर से खर्च करनी होगी। 2387 केंद्रों पर आयोजित सिपाही भर्ती परीक्षा में भी इतने रुपये ही खर्च होने का अनुमान है जो पेपर लीक के कारण बर्बाद हो गया। इससे पहले 28 नवंबर 2021 को आयोजित उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी-टीईटी) का पेपर लीक होने के कारण आयोजन पर खर्च हुए 50 करोड़ बर्बाद हो गए थे। पेपर सेट करने से लेकर मॉडरेडन, प्रिंटिंग, जिलों तक पहुंचाने, अधिकारियों से लेकर केंद्र व्यवस्थापक और कक्ष निरीक्षकों तक पर लंबी-चौड़ी कम खर्च करनी होती है।

एक महीने में आयोजित दो बड़ी परीक्षाओं के पेपर लीक होने से पूरी व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं। 11 फरवरी को आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा और 17-18 फरवरी को सिपाही भर्ती परीक्षा में सेंध लगने से एक बात तो साफ हो गई है कि वर्तमान में जिस नियम से केंद्र बन रहे हैं और परीक्षाएं कराई जा रही हैं उनमें बदलाव की आवश्यकता है।

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