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गुरुवार, 6 जनवरी 2022

रूसी हैकर्स की मदद से JEE Main और GMAT जैसी ऑनलाइन परीक्षाओं में फर्जीवाड़ा करने वाले रैकेट का पर्दाफाश

 

रूसी हैकर्स की मदद से JEE Main और GMAT जैसी ऑनलाइन परीक्षाओं में फर्जीवाड़ा करने वाले रैकेट का पर्दाफाश

दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस यूनिट ने एक ऑनलाइन परीक्षा हैकिंग रैकेट का पर्दाफाश किया है। यह गिरोह रूसी हैकर्स की मदद से स्नातक प्रबंधन प्रवेश परीक्षा (जीमैट) और जेईई समेत अन्य महत्वपूर्ण ऑनलाइन प्रवेश परीक्षाओं को हैक करता था। पुलिस ने इस गिरोह के छह सदस्यों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के हत्थे चढ़े इस गिरोह के मुख्य सरगना राज तेवतिया की तलाश सीबीआई व हरियाणा पुलिस को भी थी। इसकी गिरफ्तारी पर एक लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया गया था। राज एक रशियन हैकर के संपर्क में था। इस हैकर ने ही उसे हैकिंग के साफ्टवेयर व उपकरण मुहैया कराए थे, जिसके जरिये वह परीक्षाओं में गड़बड़ी करता था। वह वर्ष 2018 में दो हैकरों से मिलने के लिए रूस भी गया था।

इनकी हुई गिरफ्तारी

गिरफ्तार आरोपियों में हरियाणा के पलवल निवासी राज तेवतिया, करनाल निवासी मोहित शर्मा, मुंबई निवासी अरशद धुना, सलमान धुना, हेमल शाह, दिल्ली के पीतमपुरा निवासी कुणाल गोयल है। इनसे 15 लैपटाप व नौ मोबाइल बरामद किए गए हैं

ऐसे पकड़े गए जालसाज

डीसीपी केपीएस मल्होत्रा ने बताया कि जीमैट में गड़बड़ी के बारे में सूचना मिली थी। पुलिस ने कहा कि उन्हें सूचना मिली कि कुछ गिरोह विभिन्न ऑनलाइन प्रतियोगिता परीक्षाओं में अनधिकृत पहुंच हासिल करने में शामिल हैं और उम्मीदवारों को वांछित अंक दिलाने के लिए मोटी रकम वसूलते हैं। ये गिरोह जीमैट, जेईई आदि ऑनलाइन परीक्षाओं में पहुंच प्राप्त करने का दावा करते हैं। जांच में पता चला कि ऑनलाइन परीक्षा में हैकिंग के जरिये गड़बड़ी की जा रही है। 

इसके बाद गिरोह को पकड़ने के लिए साइबर सेल की टीम ने ग्राहक बनकर आरोपियों से संपर्क किया। गिरोह के साथ जीमैट परीक्षा को उतीर्ण करने का सौदा किया गया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि परीक्षा एक फर्जी पुलिस अधिकारी के नाम पर बुक की गई थी, फीस जमा की गई और परीक्षा के लिए स्लॉट बुक किया गया।

पुलिस ने बताया कि आरोपियों द्वारा बताए गए बैंक खाते में सौदे के तहत तय हुई राशि में से कुछ रकम जमा करा दी गई। अधिकारी ने बताया कि 26 दिसंबर को परीक्षा के दिन, आरोपी ने फर्जी उम्मीदवार से  'अल्ट्राव्यूअर' नाम के सॉफ्टवेयर को  डाउनलोड करने को कहा और इस तरह उसने उम्मीदवार के लैपटॉप का 'रिमोट एक्सेस' हासिल कर लिया।पुलिस ने बताया कि उसने उम्मीदवार के लैपटॉप को 'सॉल्वर' (प्रश्नपत्र हल करने वाले) से कनेक्ट किया जिसने परीक्षा दी थी और प्रोक्टर और अन्य सुरक्षा उपाय से बच गया।अधिकारी के मुताबिक, हैकर को लैपटॉप तक पहुंच मिल गई और रिमोट एक्सेस फाइल को सिस्टम फाइल के रूप में बदल दिया। फर्जी उम्मीदवार को 800 में से 780 अंक प्राप्त हुए जो 97 फीसदी हैं और वह एक शीर्ष एमबीए कॉलेज में दाखिला ले सकता है। पुलिस उपायुक्त (साइबर)केपीएस मल्होत्रा ने बताया कि तकनीकी विश्लेषण और वित्तीय आंकड़ों के जरिए गिरोह के सदस्यों की पहचान हुई जो मुंबई में थे। उन्होंने बताया कि बाद में मुंबई के माहिम में छापा मारकर अरशद, सलमान और हेमल को शनिवार को पकड़ लिया गया। 

मल्होत्रा ने बताया कि उनकी निशादनदेही पर दिल्ली की पीतमपुरा से कुणाल को पकड़ा गया जो नेटवर्किंग प्रशिक्षण कोर्स का संस्थान चलाता है और मुंबई में रहने वाले लोगों के लिए 'सॉल्वर' की व्यवस्था करता है। बाद में 'सॉल्वर' मोहित को गुड़गांव से गिरफ्तार किया गया।पुलिस ने बताया कि सोमवार को तेवतिया को राजस्थान के जयपुर से पकड़ा गया। 

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