तिलक-कलावा प्रकरण: शिक्षिका के समर्थन में शिक्षकों का उत्थान
अमरोहा: अमरोहा के एकेजी इंटर कॉलेज में कक्षा नौ की छात्रा को तिलक लगाने और कलावा बांधने से रोकने का मामला तेजी से बढ़ रहा है। शिक्षिका आरती के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई के बाद अब स्कूल के शिक्षकों ने उनके समर्थन में आवाज उठाई है। उन्होंने प्रधानाचार्य को ज्ञापन सौंपकर इस कार्रवाई को गलत बताया है।
मामला क्या है?
यह मामला तब शुरू हुआ जब जलालपुर धना गांव की एक छात्रा स्कूल में शिक्षिका आरती द्वारा तिलक और कलावा पहनने से रोके जाने के बाद विवादित हो गया। शिक्षिका ने छात्रा से कहा कि वह पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करे और धार्मिक प्रतीकों को पहनने से बचें। इसके परिणामस्वरूप, छात्रा के पिता ने शिक्षिका के खिलाफ शिकायत की, जिसमें आरोप लगाया गया कि शिक्षिका ने उनकी धार्मिक भावनाओं को आहत किया है।
शिक्षिका का निलंबन
जिला विद्यालय निरीक्षक विष्णु प्रताप सिंह ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कॉलेज प्रबंधन से रिपोर्ट मांगी और शिक्षिका को निलंबित कर दिया। निलंबन के बाद, कॉलेज के अन्य शिक्षकों ने शिक्षिका का समर्थन करते हुए एक ज्ञापन प्रस्तुत किया। शिक्षकों ने कहा कि छात्रा के पिता की शिकायत के बाद हुई कार्रवाई अनुचित थी, क्योंकि छात्रा ने अपनी शिकायत वापस ले ली थी।
शिक्षकों का समर्थन
शिक्षकों ने स्पष्ट किया कि बिना उचित समय दिए शिक्षिका को निलंबित करना गलत था। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि शिक्षिका का निलंबन जल्द वापस नहीं लिया गया तो वे कार्य बहिष्कार करने के लिए मजबूर होंगे। शिक्षकों का कहना है कि तिलक और कलावा पहनने का अधिकार छात्रों का मौलिक अधिकार है और इसे रोकना उनके धार्मिक अधिकारों का उल्लंघन है।
धार्मिक स्वतंत्रता और शिक्षा के अधिकार
यह मामला अमरोहा के शिक्षा क्षेत्र में धार्मिक भावनाओं और छात्रों के अधिकारों के बीच के तनाव को उजागर करता है। जिला विद्यालय निरीक्षक ने कहा है कि शिक्षकों की मांग के आधार पर मामले की पुनः जांच की जाएगी।
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