बताया जा रहा है कि आवेदन के बाद अभ्यर्थियों की संख्या के आधार पर परीक्षा की तैयारी के लिए 60 से 90 दिन का समय चाहिए। आवेदकों की संख्या के आधार पर परीक्षा केंद्र बनाने कितनी पालियों में परीक्षा करानी पड़ेगी, इसका निर्धारण, परीक्षा के लिए ओएमआर छपाने, परीक्षक तैनाती व परीक्षा के प्रबंधन से संबंधित अन्य तमाम कार्यवाही करनी होगी।जानकार बताते हैं कि पीईटी आयोग द्वारा कराई जाने वाली सभी भर्तियों की मुख्य परीक्षा में शामिल होने के लिए आवश्यक है। ऐसे में पीईटी के लिए 25 से 30 लाख तक आवेदन का अनुमान हैं। ऐसा हुआ तो एक से अधिक पालियों में परीक्षा की नौबत आ सकती है। इसके बावजूद कोविड महामारी या अन्य कोई विपरीत हालत न बनें तो सितंबर में परीक्षा हो सकती है।
अलग-अलग काम के लिए अलग-अलग होगी ऐजेंसी:अब तक आयोग एक परीक्षा एजेंसी से परी भर्ती कार्यवाही संपन्न कराता था। केंद्रीकृत परीक्षा व्यवस्था से कई तरह की खामियां सामने आने के बाद आयोग ने अलग-अलग काम के लिए अलग-अलग परीक्षा एजेंसी रखने का फैसला किया है। परीक्षा संबंधी कार्यों को चार मुख्य हिस्से में बांटकर एजेंसी चयन की कार्यवाही शुरू की जा सकती है। अन्य छोटे छोटे कार्यों के लिए अन्य एजेंसी भी रखी जा सकती है। प्रस्ताव के मुताबिक 13 कार्यों के लिए एजेंसी रखने का प्रस्ताव है। पूरे परीक्षा की जिम्मेदारी 4 से 13 एजेंसियों के बीच तय हो सकती है।
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