हर वर्ष 15 हजार युवाओं को मिलेगा रोजगार
अगर यह योजना सार्थक हुई तो शहर में आने वाले युवाओं के लिए रोजगार के तमाम अवसर मिल सकेंगे। कौशल विकास से हर वर्ष 15 हजार युवाओं को रोजगार देने की योजना है। लखनऊ स्मार्ट सिटी इसकी कार्ययोजना बना रहा है। युवाओं को रोजगार देने पर मंथन लखनऊ स्मार्ट सिटी की 14वीं बोर्ड की बैठक में किया गया। इस दौरान मंडलायुक्त ने अफसरों से कहा कि वह अपनी जिम्मेदारी समझें और गम्भीरतापूर्वक काम करें।
बैठक में मंडलायुक्त ने शहर के भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में पार्किंग की सुविधा पर जोर दिया और आगे की कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शहर में आने वाले पंद्रह हजार युवाओं का हर वर्ष कौशल विकास कराकर रोजगार दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि शहर में कई जगहों पर एलइडी डिस्प्ले बोर्ड लगाए जाएंगे, जिससे हर किसी को शहर के अस्पतालों, मेट्रो स्टेशन, बस स्टैंड के बारे में पता चल सकेगा। मोबाइल एप से ई-रिक्शा की सुविधा देने पर भी चर्चा हुई। ई-रिक्शा के पार्किंग स्थान को भी चिह्नित किया जाएगा। इसी तरह फ्री वाई-फाई सेवा के लिए भी स्थान चिह्नित होगा। इसका लाभ विद्यार्थी भी पढ़ाई के लिए कर सकेंगे।
मंडलायुक्त ने अधिकारियों से कहा कि अपनी जिम्मेदारी समझें और गम्भीरतापूर्वक काम करें। उन्होंने कहा कि कार्यदायी संस्था को बोर्ड के समक्ष प्रजेंटेशन देना होगा। बोर्ड ऐसे प्रोजेक्ट की उपयोगिता के आधार पर विचार-विमर्श कर सहमति देगा। स्मार्ट सिटी के सभी कार्यो में प्रोटोकाल का शत-प्रतिशत पालन किया जाय।
अधूरे काम पूरा करना चुनौती : स्मार्ट सिटी में लखनऊ पिछले पायदान पर चल रहा है। तमाम काम अधूरे पड़े हैं। सीवर लाइन डालने का काम भी अभी तक पूरा नहीं हो पाया है। लालबाग स्मार्ट सिटी कार्यालय सभागार में हुई बैठक में मंडलायुक्त रंजन कुमार, नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी, अपर जिलाधिकारी पूर्वी केपी सिंह, अपर नगर आयुक्त अमित कुमार भी मौजूद रहे।
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