मोह भंग : पॉलिटेक्निक की पढ़ाई से बढ़ गई छात्र-छात्राओं की दूरी
पॉलीटेक्निक की पढ़ाई से छात्रों का मोह भंग होना शुरू हो गया है। बीते दो वर्षों के आंकड़े देखें तो इस बात पुष्टि होती है कि अब पॉलीटेक्निक में छात्र-छात्राएं प्रवेश नहीं लेना चाहते हैं। वर्तमान सत्र 2020-21 जिनकी परीक्षाएं जारी है में 101210 सीटें नहीं भर पाई थीं। इसके साथ ही पिछले दस वर्षों में हुई प्रवेश परीक्षा में जहां औसतन 35 से 60 हजार अभ्यर्थी अनुपस्थित रहते थे, वहीं वर्ष 2020 और 2021 में ढ़ाई लाख अभ्यर्थियों ने प्रवेश परीक्षा छोड़ी है।
विशेषज्ञ इसमें कोरोना, प्रवेश परीक्षा का ऑनलाइन होना, शिक्षकों की कमी, छोटे शहरों में प्लेसमेंट नहीं मिलना, लैब, पाठ्यक्रम, लाइब्रेरी को अपडेट नहीं किया जाना आदि प्रमुख कारण बताते हैं। तकनीक से जुड़े ट्रेड में सीटें भले ही भर जाती हैं लेकिन अन्य ट्रेड की सीटें राजकीय और एडेड पॉलीटेक्निक को छोड़कर निजी संस्थानों में खाली रह जाती हैं। इस बाबत प्रवेश परीक्षा प्रभारी राम रतन से कई बार बात करने का कई बार प्रयास किया गया लेकिन परीक्षा प्रभारी ने एक बार भी फोन नहीं उठाया।
बढ़ती गई प्रवेश परीक्षा छोड़ने वालों की संख्या
वर्ष आवेदन शामिल छात्र परीक्षा छोड़ी
2017 447334 398250 49084
2018 450021 398673 51348
2019 436715 360845 75870
2020 390894 255682 1,35,212
2021 302066 187640 1,14426
पूरे प्रदेश में सीटें खाली (सत्र 2020-21)
संस्थान, --------------आवंटित सीट-----------------नामांकित छात्र-----------------सीट खाली
राजकीय पालीटेक्निक------147 --------------35573--------- 29972-----------------5601
एडेड पॉलीटेक्निक------18-----------------9269----------------- 6902-----------------2367
प्राइवेट पॉलीटेक्निक------1247 -----------------184036--------91170----------------92866
अन्य पॉलीटेक्निक---3 -----------------479 -----------------103-----------------376
कुल संस्थान ----- 1417---------------229383 ------------128147 -----------------101210
प्लेसमेंट सेल बनी लेकिन शुरू नहीं हुई
प्राविधिक शिक्षा परिषद ने प्रदेश भर के पॉलीटेक्निक छात्र-छात्राओं के लिए दिसम्बर 2019 में प्लेसमेंट सेल बनाई लेकिन मार्च में कोरोना आ जाने के बाद से प्लेसमेंट सेल निष्क्रिय पड़ी है। सभी संस्थानों में प्लेसमेंट सेल बनाए जाने के निर्देश दिए गए लेकिन सिर्फ कागजों पर ही यह सेल चल रही है। लखनऊ, कानपुर, गाजियाबाद, मेरठ, गोरखपुर व कुछ अन्य शहरों की राजकीय और एडेड पॉलीटेक्निक के छात्र-छात्राओं की प्लेसमेंट सेल से छात्रों की नौकरी लगी है लेकिन प्रदेश के अन्य जिलों के पॉलीटेक्निक में बड़ी कम्पनियां जा नहीं रही हैं। जिनकी नौकरी लगी भी है उनका पैकेज सिर्फ 25 हजार तक है। 25 हजार प्रतिमाह का पैकेज एक फीसद अभ्यर्थियों को ही मिलता है अन्य को आठ से 15 हजार तक का पैकेज मिल पाता है।
मोह भंग होने प्रमुख कारण
- जॉब प्लेसमेंट की कमी
- कम वेतन पर प्लेसमेंट
- लैब में पुराने जमाने की मशीनरी
- लाइब्रेरी का अपडेशन नहीं
- कोरोना
- शिक्षकों की कमी
- कुछ ट्रेड को छोड़ का अन्य का प्रचार प्रसार नहीं
बड़ी संख्या में पॉलीटेक्निक की सीटें खाली रहना और प्रवेश परीक्षा छोड़ने का प्रमुख कारण कोरोना भी है। इसके साथ ही ऑनलाइन परीक्षा की वजह से लगता है कि छात्रों ने प्रवेश परीक्षा छोड़ी है।- सुनील कुमार सोनकर, सचिव प्राविधिक शिक्षा परिषद
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