आजमगढ़ में 16 वर्ष से घर बैठे वेतन लेने वाले आइटीआइ लिपिक के विरुद्ध होगी कार्रवाई, शासन को भेजी जाएगी रिपोर्ट
गोरखपुर निवासी राजकीय औद्याेगिक प्रशिक्षण संस्थान (आइटीआइ) हर्राकीचुंगी में तैनात लिपिक के 16 वर्ष से घर बैठक कर वेतन लेने के प्रकरण को डीएम विशाल भारद्वाज ने गंभीरता से लिया है। डीएम ने एसडीएम सदर विनय कुमार दूबे की जांच आख्या के आधार पर संबंधित लिपिक की खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए शासन को रिपोर्ट भेजने का निर्णय लिया है।
आइटीआइ में तैनात कनिष्ठ लिपिक बटेकृष्ण तिवारी 2006 में स्थानांतरण के बाद गोरखपुर से जिले में आए थे। यहां आने के बाद वे ड्यूटी न करके गोरखपुर में रहकर ही वेतन ले रहे हैं। इसकी शिकायत भाजपा नेता रविशंकर तिवारी ने डीएम से की। डीएम ने एसडीएम सदर को प्रकरण की जांच की जिम्मेदारी सौंपी। एसडीएम जांच के लिए जब आइटीआइ पहुंचे तो कालेज के प्राचार्य अशाेक कुमार नहीं मिले। बताया कि वे हाईकोर्ट हैं। आरोपित लिपिक भी मौके पर नहीं मिले। बाकी लोगों से पूछताछ कर एसडीएम वापस लौट गए। दूसरे दिन आरोपित लिपिक एसडीएम के समक्ष अपना बयान दर्ज कराने प्रस्तुत हुआ।
बताया कि वे आनलाइन प्रमाण पत्र बनाने वाले पटल पर कार्य करते हैं। लेकिन पटल पर किस तरह कार्य करते हैं और सितंबर में कितने प्रमाण पत्र जारी हुए सवाल का सही जानकारी नहीं दे सके। एसडीएम ने बताया कि आरोपित लिपिक के न तो हस्ताक्षर मिले और ना ही नौकरी करते पाए गए। मामले की पूरी रिपोर्ट जिला को सौंप दी।
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