कानपुर के सुपीरियर आईक्यू वाले यशवर्धन को 7वीं से सीधे 9वीं में मिलेगा प्रवेश, बोर्ड का फैसला
कानपुर के मेधावी 11 वर्षीय यशवर्धन सिंह अब कक्षा सात से वर्तमान सत्र में ही सीधे कक्षा 09 में प्रवेश पा सकेगा। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद ने उसके उच्च बौद्धिक स्तर को देखते हुए यह निर्णय लिया है। परिषद के सचिव ने मंगलवार को जिला विद्यालय निरीक्षक को पत्र भी जारी कर दिया है।
यश वर्तमान में रघुकुल विद्यालय, कृष्णानगर में कक्षा सात के छात्र हैं। वर्तमान में वह सिविल सेवा की तैयारी करने वालों को एक कोचिंग संस्थान में निःशुल्क पढ़ा भी रहे हैं। अपने यूट्यूब चैनल के माध्यम से भी शिक्षा दे रहे हैं। मंडलीय मनोविज्ञान केंद्र में हुए टेस्ट में यश वर्धन का आईक्यू 129 निकला। परिषद ने इसकी रिपोर्ट को जारी करते हुए कहा कि यश का बौद्धिक स्तर श्रेष्ठ स्तर का, उसकी अधिकांश मानसिक योग् यताएं अतिश्रेष्ठ, तात्कालिक स्मृति क्षमता सामान्य से अधिक स्तर की है।
तलाशेंगे अपनी पसंद का विद्यालय
यशवर्धन के पिता डॉ. अंशुमन सिंह ने बताया कि परिषद के सचिव दिव्यकांत शुक्ल का पत्र आया है जिसमें जिला विद्यालय निरीक्षक को लिखा गया है कि यशवर्धन सिंह का तत्काल कक्षा नौ में प्रवेश लेने के लिए यथावांछित कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। प्रवेश के लिए वह अपनी पसंद का विद्यालय चुनेगा।
कैसे जागी इतिहास में रुचि
यश के पिता डॉ. अंशुमन सिंह बताते हैं कि उनकी पत्नी कंचन पाल सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रही थीं। यश छोटा था, लेकिन उसने साथ में अध्ययन शुरू कर दिया। देखते ही देखते वह परफेक्ट हो गया। अब वह सिविल सेवा की तैयारी करने वालों को भारतीय राज व्यवस्था, अंतरराष्ट्रीय इतिहास, भूगोल एवं समसामयिकी विषय पढ़ा रहा है।
सबसे छोटे इतिहासकार का तमगा
यश के नाम एक खास रिकॉर्ड भी है। जनवरी 2022 में लंदन की संस्था हार्वर्ड वर्ल्ड रिकॉर्ड ने उसका नाम अन्तरराष्ट्रीय सम्बन्ध एवं इतिहास विषय में सबसे छोटे इतिहासकार के रूप में दर्ज किया है। हाल ही में यश ने परिवार के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भेंट कर आशीर्वाद लिया था। यशवर्धन सिंह ने कहा कि खुशी की बात है कि मुझे अब सातवीं से सीधे 9वीं में पढ़ने का मौका मिलेगा। हमसे जो अपेक्षा की गई है उस पर खरा उतरूंगा।
शहर के लिए यह गौरव की बात
जिला विद्यालय निरीक्षक राम किशोर ने कहा कि शहर के लिए यह गौरव की बात है। आईक्यू अच्छी होने पर बोर्ड से छात्र ने अनुमति मांगी थी। यश को विशेष अनुमति दी गई है।
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