NEET UG : आयुष कॉलेजों हुए फर्जी दाखिले में एफआईआर, जांच एसटीएफ करेगी
आयुष कॉलेजों मे हुए फर्जी दाखिले के में आयुर्वेद निदेशक ने काउसलिंग कराने वाली संस्था के समेत तीन के खिलाफ हजरतगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस ने अपट्रान, निजी एजेंसी वी-3 सॉफ्ट सॉल्यूशन के प्रतिनिधि कुलदीप सिंह तथा अज्ञात के खिलाफ धोखाधड़ी, साजिश, आईटीए एक्ट समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। प्रारंभिक जांच में पता चला कि नीट परीक्षा में शामिल हुए बगैर कई छात्रों के दाखिले आयुर्वेद, यूनानी तथा होम्योपैथ कॉलेजों में कर दिए गए। विभाग ने 891 छात्रों के दाखिले को सदिग्ध करार दिया है। फर्जी दाखिलों की जांच एसटीएफ को सौंप दी गई है।
आयुर्वेद, यूनानी तथा होम्योपैथी कॉलेज में दाखिले नीट की मेरिट सूची के आधार पर हुए थे। वर्ष 2021-22 में काउसलिंग के लिए आयुर्वेद निदेशालय ने बोर्ड का गठन किया था। आईटी सेल न होने के कारण बोर्ड की निगरानी में निजी एजेंसी सॉफ्ट सॉल्यूशन प्रा लि को काउंसलिंग का ठेका दिया गया। इस एजेंसी को अपट्रान पावरट्रानिक्स लि. ने नामित किया था। एक फरवरी 2022 से शुरू हुई काउंसलिंग प्रक्रिया 19 मई तक चार चरणों में पूरी की गई। प्रदेश के राजकीय तथा निजी कॉलेजों में 7338 सीटों पर एडमिशन हुए। काउंसिलिंग से लेकर सत्यापन तक की जिम्मेदारी निजी एजेंसी की थी। दाखिलों के बाद सीट एलाटमेंट भी कर दिए गए और छात्रों ने एडमिशन भी ले लिए। इसके बाद कॉलेजों के प्रधानाचार्यों को डॉक्यूमेंट के सत्यापन कराने के आदेश दिए गए। कॉलेजों ने सत्यापन कराना शुरू किया तो पता चला कि 1181 छात्रों के रिकॉर्ड नीट काउंसिलिंग की मेरिट सूची से नहीं मिले। इनमें से 22 छात्र ऐेसे थे जो नीट में शामिल ही नहीं हुए थे। 1181 में से 927 को सीट आवंटन किया गया था। इनमें से 891 छात्र-छात्राओं ने प्रवेश ले लिया है।
नीट के डाटा बेस और वेबसाइट भी छेड़छाड़
आरोप है कि निजी एजेंसी ने नीट के डाटा बेस में ही नहीं बल्कि वेबसाइट में भी छेड़छाड़ की। डीजीएमई कार्यालय से मिले डाटाबेस और निजी एजेंसी के रिकॉर्ड में हेरफेर पाई गई। जांच शुरू हुई तो निजी एजेंसी संचालक ने डीजीएमई कार्यालय से मिली हार्ड डिस्क की आरडीबीडी भी क्रप्ट कर दी।
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