Rajasthan Teacher News: वरिष्ठ अध्यापक, व्याख्याता व प्राचार्य के 44 हजार 874 पद रिक्त
जोधपुर। राज्य के सबसे बड़े विभाग शिक्षा विभाग में वरिष्ठ अध्यापकों की 31 मार्च तक पदोन्ऋति के दावों ने दम तोड़ दिया है। शासन सचिब ने 2021 से 2023 तक की पदोन्नति इसी माह पूरी करने के निर्देश दिए थे, लेकिन अब तक शिक्षकों की सूची संयुक्त निदेशक कार्यालयों से ही निदेशालय तक नहीं पहुंचाई गई है। शुक्रवार को गुड फ्राइडे व शनिवार व रविवार का दो दिन का अवकाश होने के कारण पदोन्नति होना नामुमकिन सा ही गया है। एक अप्रैल से नई पदोन्नति लंबित विभाग में 3 साल की पदोन्नति लंबित है। पुरानी पदोन्नति पूरी नहीं होने पर 2024-25 की डीपीसी भी लागू होगी। ऐसे में विभाग में चार सत्रों की पदोन्नति बकाया हो जाएगी।
यूं समझें सारा मामला
मुख्य सचिव सुधांशु पंत ने चार मार्च को सभी विभागों को आदेश जारी कर 31 मार्च तक सभी पदोन्नति प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए थे। इसके तहत शिक्षा विभाग ने पदोन्नति के लिए तीन वर्ष बाद 47 हजार 175 वरिष्ठ शिक्षकों की पात्रता सूची जारी की थी। जिस पर 14 मार्च तक आपति मांगी गई थी। 21 मार्च तक संयुक्त निदेशकों को अपडेट सूची निदेशालय भेजनी थी। अब तक वह सूची निदेशालय नहीं पहुंची है, जिसे लेकर निदेशालय ने रिमाइंडर भी जारी किया है।
अब नए सत्र की शुरूआत तक प्रक्रिया पूरी होना मुश्किल
पदोन्नति में अभी आगे भी देरी होना तय है, क्योंकि वरिष्ठ अध्यापक से व्याख्याता की 2021-22, 2022-23 और 2023-24 की तीन पदोन्नति बाकी है। ऐसे में सबसे पहले 2021-22 की डीपीसी उस सत्र के रिक्त पदों के आधार पर होगी, जिसमें करीब पांच हजार से भी ज्यादा शिक्षक 2018-19 में पदोन्नति का परित्याग करने वाले हैं। ऐसे में पूरा आर्थिक लाभ ले चुके इनमें से ज्यादातर शिक्षकों का इस बार भी स्थानांतरण से बचने के लिए पदोन्नति का परित्याग करने की पूरी संभावना है। लिहाजा उनके पद खाली रहने से रिव्यू डीपोंसी और काउंसलिंग के साथ खाली पदों व लिए री-काउंसलिंग की ये प्रक्रिया तीनों वर्ष की डीपीसी में चलने पर नए सत्र की शुरूआत तक भी ये प्रक्रिया पूरी होना मुश्किल हो गया है।
पद--------स्वीकृत्त----------कार्यरत---------रिक्त
शिक्षा विभाग जल्द करे सभी संवर्गों की पदोन्नति
प्रदेश के सबसे बड़े विभाग शिक्षा विभाग के सभी संवों की तीन सत्रों की पदोन्नति लंबित व एक दिन बाद चौथे सत्र को पदोन्नति लंबित होने जा रहीं है। जिससे साफ है कि सरकार शैक्षिक ढांचे की मजबूती के प्रति गंभीर नहीं हैं। सरकारी स्कूलों के बच्चों की पढ़ाई को ध्यान में रखते हुए सरकार को पदोन्नति के बाद खाली हुए व क्रमोन्नत हुई उच्च माध्यमिक स्कूलों के करीच 25 हजार पदों को शामिल करते हुए अवकाश के दिनों में कार्यालय खुलवाकर पदोन्नति करनी चाहिए। ताकि स्कूलों में नामांकन व गुणवत्ता भी बढ़े।-मोहर सिंह सलावद, प्रदेशाध्यक्ष, शिक्षक संघ रेसटा, राजस्थान।
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