केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 12वीं का परिणाम तय करने के लिए फार्मूला तय कर लिया है। जिसके बाद परीक्षा परिणाम जारी करने की तैयारियां भी सीबीएसई की तरफ से तेज कर दी गई है। इस बीच शिक्षक संघ समेत अभिभावक संघ ने सीबीएसई से छात्रों की बोर्ड परीक्षा लौटाए जाने की मांग की है।
सभी बोर्ड परीक्षार्थियो के खाते में वापस आए फीस
ऑल इंडिया पैरेंटस एसोसिएशन ने भी सीबीएसई ने परीक्षा फीस लौटाने की मांग की है। एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अधिवक्ता अशोक अग्रवाल ने कहा कि 10वीं और 12वीं के प्रत्येक बोर्ड परीक्षाथियों के खाते में परीक्षा फीस वापस आनी चाहिए। इस संबंध में एसोसिएशन 5 जून को सीबीएसई को पत्र लिख चुकी है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में विपरित परिस्थितियों के बीच अभिभावकों व छात्रों ने बीते वर्ष बोर्ड परीक्षा फीस जमा कराई है। जिसके तहत एसोसिएशन ने भी छात्रों व अभिभावकों की मदद करते हुए चंदा जुटा कर 2 स्कूलों के छात्रों की परीक्षा फीस के तौर पर 6 लाख से अधिक की रकम जमा कराई थी। ऐसे में सीबीएसई को इस विपरित परिस्थितियों में छात्रों को परीक्षा फीस वापस लौटानी चाहिए।
बोर्ड परीक्षा नहीं तो फीस लेने का औचित्य नहीं, कोरोना काल में अभिभावकों को राहत मिलेगी
राजकीय विद्यालय शिक्षक संघ ने सीबीएसई से छात्रों की बोर्ड फीस वापस करने की मांग की है। संघ के महासचिव अजयवीर यादव ने कहा कि सरकारी स्कूलों में बड़ी संख्या में ऐसे छात्र भी आते हैं। जिनके सामने सामान्य दिनों में भी कई तरह की आर्थिक चुनौतियां होती है। तो वहीं कोरोना की वजह से पिछले एक साल से सामान्य परिवारों की आर्थिक चुनौतियां भी बढ़ी हैं, लेकिन इस कोरोना काल में बीते वर्ष सरकारी स्कूल के छात्रों व उनके अभिभावकों को सीबीएसई की बढ़ी हुई फीस अपने जेब से जमा करानी पड़ी थी। जिसके तहत बोर्ड परीक्षा के तौर पर छात्रों से 1500 से 2500 रुपए तक जमा कराए थे। ऐसे में जब इस वर्ष परीक्षा का आयोजन नहीं कराया जा रहा है, तो परीक्षा फीस लेने का कोई औचित्य नहीं है। अगर सीबीएसई परीक्षा फीस वापस लौटाता है, तो इस विपरित समय में अभिभावकों को बड़ी राहत मिलेगी।
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