UP BEd Exam 2021: बीएड अभ्यर्थियों से पूछे गए कोरोना से जुड़े ये सवाल
लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित उत्तर प्रदेश संयुक्त प्रवेश परीक्षा बीएड 2021 शुक्रवार को दो पालियों में सम्पन्न हो गई। लखनऊ में 75 परीक्षा केन्द्र बनाए गए थे। परीक्षा में कोरोना से जुड़े सवाल भी पूछे गए। भारत सरकार ने कोरोना से सम्बंधित कौन सी ऐप बनायी थी और भारत के किस राज्य में कोरोना का पहला केस आया था, ऐसे सवाल पूछे गए।प्रवेश परीक्षा के लिए लखनऊ में 32477 अभ्यर्थी पंजीकृत थे जिसमें से पहली पाली में 27831 एवं दूसरी पाली में 28141 अभ्यर्थी उपस्थित रहे। उपस्थिति 88 फीसदी रही। पहली पाली के आधार पर 4646 एवं दूसरी पाली में 4336 अभ्यर्थियों ने परीक्षा छोड़ी।
अभ्यर्थियों ने बताया कि प्रश्न पत्र सरल था। सामान्य ज्ञान, रीजनिंग सरल रही। विषय आधारित प्रश्नपत्र खासकर गणित और विज्ञान में अभ्यर्थियों को मशक्कत करनी पड़ी। सुबह बजे से हुई पहली पाली में अभ्यर्थियों ने सामान्य ज्ञान और भाषा सम्बंधी प्रश्न पत्र एवं दोपहर दो से पांच बजे तक हुई दूसरी पाली में अभ्यर्थियों ने सामान्य मानसिक योग्यता एवं विषय सम्बंधी प्रश्न पत्र हल किए। प्रश्न पत्र में सौ सवाल थे। प्रत्येक प्रश्न के लिए दो अंक निर्धारित किए गये हैं। निगेटिव मार्किग भी होगी।
पर्चा वायरल ने बढ़ायी परेशानी
बीएड प्रवेश परीक्षा का आयोजन लखनऊ विश्वविद्यालय कर रहा है। सुबह से ही परीक्षा केन्द्रों का निरीक्षण चल रहा था। इसी बीच दोपहर में सोशल साइट पर बीएड प्रवेश परीक्षा का प्रश्न पत्र सही जवाब लगे टिक के साथ वायरल होने लगा। जिसके बाद लखनऊ विश्वविद्यालय के सभी अधिकारियों की परेशानी बढ़ गई। प्रवेश परीक्षा समन्वयक प्रो. अमिता बाजपेई ने बताया कि वायरल हुआ पर्चा फेक है।
साल्वर मिली, कन्ट्रोल रूम को जानकारी नहीं
लखनऊ विश्वविद्यालय ने संयुक्त बीएड प्रवेश परीक्षा को नकलविहीन कराने और साल्वर गैंग की जद से दूर रखने की पूरी कोशिश की थी। लेकिन परीक्षा के दिन साल्वर गैंग की सदस्य को नहीं रोका जा सका। यदि एसटीएफ तेजी नहीं दिखाती तो साल्वर गैंग की सदस्य दीक्षा सफलतापूर्वक दूसरे के स्थान पर परीक्षा देकर निकल जाती।
प्रयागराज के एक परीक्षा केन्द्र के अन्दर एसटीएफ ने दूसरी अभ्यर्थी के स्थान पर परीक्षा दे रही साल्वर दीक्षा को अरेस्ट किया। सुबह की पाली में दीक्षा को पकड़ा गया लेकिन देर शाम तक परीक्षा आयोजक एलयू को इसकी जानकारी नहीं थी। अधिकारी पुलिस का मामला बता कर पल्ला झाड़ते नजर आए। हालांकि प्रयागराज के हंडिया में बनाए गए पोस्ट ग्रेजुएशन डिग्री कॉलेज में जब एसटीएफ ने साल्वर को पकड़ा तो परीक्षा केन्द्र व्यस्थापक की जिम्मेदारी थी कि एलयू या परीक्षा से जुड़े उच्च अधिकारियों को अवगत कराए।
तो फेल हो गया हाईटेक कन्ट्रोल रूम
प्रदेश भर के परीक्षा केन्द्रों पर निगरानी करने के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय में हाईटेक कन्ट्रोल रूम बनाया गया था। जहां से सभी केन्द्रों की निगरानी हो रही थी। प्रयागराज के परीक्षा केन्द्र में एसटीएफ पंहुची और साल्वर पकड़ी गई। यह जानकारी अगर विश्वविद्यालय को नहीं मिली तो इसका मतलब है कि हाईटेक कन्ट्रोल रूम पूरी तरह फेल हो गया। परीक्षा केन्द्रों पर निगरानी के लिए पर्यवेक्षकों की नियुक्ति भी की गई थी।
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