खाली होते जा रहे अफसरों के पद, पदोन्नति पर कुंडली
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा अधिकारियों व कर्मचारियों को समय से पदोन्नति और तैनाती देने के निर्देश का पशुपालन विभाग में असर नहीं पड़ रहा है। मुख्यालय से लेकर फील्ड स्तर तक के तमाम पद खाली होते जा रहे हैं और उन पर पदोन्नति कर नियमित अफसरों की तैनाती नहीं की जा रही है। इससे मनमानी तरीके से चुनिंदा अफसरों को थोक के भाव जिम्मेदारियां देने का चलन बढ़ता जा रहा है। इससे विभागीय कर्मियों में जबर्दस्त नाराजगी है।
विभाग में चार पद अपर निदेशक श्रेणी-1 के हैं। ये सभी रिक्त हैं। इन्हीं में से निदेशक के पदों पर नियुक्ति होती है। शासन स्तर पर निदेशक प्रशासन व विकास तथा निदेशक रोग नियंत्रण व प्रक्षेत्र के पद हैं। अपर निदेशक श्रेणी-1 के पद रिक्त होने से निदेशक रोग नियंत्रण एवं प्रक्षेत्र की नियमित तैनाती नहीं हो सकी है। इस पद का अतिरिक्त प्रभार अपर निदेशक श्रेणी-2, प्रयागराज डॉ. इंद्रमणि को दी गई है। मुख्यालय का पद फील्ड के अधिकारी को साथ-साथ देने से दोनों ही काम प्रभावित हो रहे हैं। अपर निदेशक श्रेणी-2 के 16 पद खाली पड़े हैं। विभागीय पदोन्नति समिति की समय से बैठकें न होने से इन पर तैनाती नहीं हो पा रही है।
गौ संरक्षण केंद्रों के कार्र्यों पर भी असर
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी के 75 पदों में से 23, संयुक्त निदेशक के 67 पदों में से 22 रिक्त पड़े हैं। फील्ड के इन पदों पर तैनाती न होने से विभाग का पूरा कामकाज बेपटरी होने के हालात हैं। जिलों में पशुपालन से जुड़े अन्य कार्यों के साथ गौ संरक्षण केंद्रों की स्थापना व उनके प्रबंधन से जुड़ी जिम्मेदारी इन्हीं के पास होती है। ये पद खाली होने से सरकार की सामने सबसे बड़ी चुनौती बने मुददे को फोकस नहीं मिल पा रहा है। इन पदों पर तैनाती डीपीसी न होने की वजह से ठप है।
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