देशभर के मेडिकल संस्थानों में परास्नातक (पीजी) की पढ़ाई कर रहे अंतिम वर्ष के डॉक्टरों के लिए अच्छी खबर है। कोरोना संक्रमण की वजह से देर से परीक्षाएं होने और अस्पतालों में प्रथम वर्ष के नए डॉक्टरों के नियुक्त न होने की वजह से अंतिम साल के डॉक्टरों को अब और अधिक दिन तक बिना पदोन्नति के नहीं रहना होगा। अब अंतिम वर्ष की परीक्षा का परिणाम आने के बाद ही उन्हें सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर के पद पर पदोन्नत कर दिया जायेगा। दरअसल, अभी तक प्रथम वर्ष के डॉक्टरों की नियुक्ति न होने से अंतिम वर्ष के डॉक्टरों को लगभग पिछले छह महीने से बतौर जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर ही काम करना पड़ रहा था। यहां तक कि उनकी 3 साल की एमडी, एमएस और डीएनबी की डिग्री 3.5 साल के बाद भी नहीं मिली थी। नेशनल मेडिकल कमीशन ने नए आदेश जारी करते हुए कहा है कि अब अस्पताल पीजी के अंतिम वर्ष के डॉक्टरों के परिणाम आने के बाद सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर बना सकेंगे।
देशभर के अंतिम वर्ष के हजारों डॉक्टर इससे परेशान थे। हिंदूराव अस्पताल की डॉक्टर अंकिता सिंह ने बताया कि कोरोना काल में मरीजों का जोखिम में इलाज करने के बावजूद उन्होंने मेहनत की, पढ़ाई की और परीक्षा दी लेकिन कोरोना का बहाना बनाकर उनके पाठ्यक्रम का विस्तार कर दिया गया। उन्होंने कहा कि उनके जूनियर तीन साल में पास हो जाएंगे जबकि साढ़े तीन साल बाद उन्हें डिग्री तक नहीं मिली। हालांकि नेशनल बोर्ड ऑफ एक्जामिनेशन के नए फैसले पर उन्होंने खुशी जाहिर की है।
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