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मंगलवार, 17 अगस्त 2021

Tubewell Operator Recruitment: हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी, 'भर्ती निकाली है तो सभी पद क्यों नहीं भरे जाते'



Tubewell Operator Recruitment: हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी, 'भर्ती निकाली है तो सभी पद क्यों नहीं भरे जाते'

Tubewell Operator Recruitment : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सिंचाई विभाग में 3210 नलकूप आपरेटरों की भर्ती में खाली बचे पदों को प्रतीक्षा सूची से न भरने के कारणों की विस्तृत जानकारी मांगी है।कोर्ट ने सही तथ्य पेश न कर गुमराह करने वाले अधिकारियों पर नाराजगी भी जताई और कहा कि जब सरकार ने भर्ती निकाली है तो सभी पद क्यों नहीं भरे जाते। प्रतीक्षा सूची के अभ्यर्थियों से बचे पदों को भरने की बजाय उन्हें हाईकोर्ट आने को विवश‌ किया जाता है जबकि सरकार व आयोग को खुद पद भरना चाहिए।

यह आदेश न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी ने विजय कुमार व 26 अन्य की याचिका पर दिया है। याची की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता आरके ओझा ने पक्ष रखा। इस मामले में सरकार ने कहा कि आयोग ने प्रतीक्षा सूची नहीं दी और आयोग प्रतीक्षा सूची जारी कर चुप बैठ गया। कोर्ट में विषय से अलग फैसला देकर भ्रमित किया। सरकार ने कहा आयोग की सूची से भर्ती पूरी कर ली। बचे पदों पर कहा आयोग ने प्रतीक्षा सूची सरकार को नहीं दी। इस पर कोर्ट ने फटकार लगाई और कहा कि सरकार ने भर्ती निकाली। पद खाली रह गए तो आयोग से प्रतीक्षा सूची मांगने की बजाय यह बताया कि भर्ती पूरी कर ली। आखिर प्रतीक्षा सूची से खाली बचे पदों पर नियुक्ति क्यों नहीं की गई। कोर्ट ने कहा कि ऐसे मामले हाईकोर्ट आने ही नहीं चाहिए। कोर्ट ने कहा कि अधिकारी न्यायालय के आदेश तक नहीं पढ़ते। पद खाली हैं तो अधिकारियों को आयोग से प्रतीक्षा सूची नहीं मांगनी चाहिए। पद भरने के लिए भर्ती निकाली गई है तो सभी पद भरे जाने चाहिए। सरकारी वकील ने अधिकारियों की गलती मानी और पूरी जानकारी देने के लिए सुनवाई स्थगित करने की मांग की। इस पर कोर्ट ने 19 अगस्त को सही तथ्य पेश करने का निर्देश दिया है।

वरिष्ठ अधिवक्ता आरके ओझा ने कोर्ट में ट्यूबवेल आपरेटर सेवा नियमावली के हवाले से कहा कि भर्ती में प्रतीक्षा सूची जारी करने का नियम है। इसके बावजूद आयोग ने विज्ञापित 3210 अभ्यर्थियों की सूची जारी की। राज्य सरकार ने 19 अगस्त 2020 के आदेश में कहा कि कोई पद खाली नहीं बचा है जबकि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने 19 अक्तूबर 2020 को कहा कि 672 पद भरने से बचे हैं।

इस पर कोर्ट ने सरकार को स्थिति स्पष्ट करने को कहा था। सरकार की तरफ से बताया गया कि जो चयन सूची आयोग से दी गई, उसकी भर्ती पूरी कर ली गई है। आयोग ने प्रतीक्षा सूची दी ही नहीं। वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि कई चयनित अभ्यर्थियों ने नियुक्ति नहीं ली। बड़ी संख्या में पद खाली बचे हैं। 

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