उत्तर प्रदेश 68500 शिक्षक भर्ती : इन अभ्यर्थियों को एक महीने में मिलेगी मनपसंद जिले में तैनाती
इसके बाद इन अभ्यर्थियों ने बेसिक शिक्षा परिषद और शासन को प्रत्यावेदन दिए। इसी क्रम में प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा दीपक कुमार ने 10 दिसंबर के शासनादेश में सचिव बेसिक शिक्षा परिषद तैनाती करने को कहा ताकि अवमानना की स्थिति न हो। बादल मलिक, आलोक आर्य, देवराज, शुभम चौधरी चैनपाल, अशोक, पुनीत यादव, फुरकान, विवेक यादव आदि अभ्यर्थियों का कहना है कि तय समय सीमा 14 जनवरी 2022 तक तैनाती नहीं होती तो सचिव बेसिक शिक्षा परिषद पर अवमानना याचिका दाखिल करने के लिए बाध्य होंगे।
68500 शिक्षक भर्ती के चयनितों को पांच सितंबर 2018 को नियुक्ति पत्र दिया गया था। पहली लिस्ट में चयनित आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को दूर-दराज के जिलों में तैनाती दे दी गई थी जबकि दूसरी सूची में अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को उनके गृह जनपद या पसंदीदा जिले में पदस्थापित कर दिया था। इसी को लेकर एमआरसी अभ्यर्थियों ने मुकदमा कर दिया जिसे हल होने में तीन साल से अधिक लग गए।
क्यों दोबारा जिला आवंटन पर अड़े
68500 भर्ती से सरकार ने नियम लागू कर दिया था कि इन शिक्षकों का दोबारा अंतर जनपदीय तबादला नहीं होगा। काफी संख्या में शिक्षकों को उनके घर से सैकड़ों किमी दूर दूसरे जिलों में नौकरी मिली है। भविष्य में अपने जिले में वापसी की उम्मीद भी नहीं। इसलिए एमआरसी अभ्यर्थी दोबारा जिला आवंटन की मांग कर रहे हैं ताकि अपने गृह जनपद या आसपास के जिले में पहुंच जाएं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें