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शुक्रवार, 24 दिसंबर 2021

ओमिक्रॉन रोकने के लिए योगी सरकार ने क्या लगाईं पाबंदियां, यहां पढ़ें सभी नए नियम

 


ओमिक्रॉन रोकने के लिए योगी सरकार ने क्या लगाईं पाबंदियां, यहां पढ़ें सभी नए नियम 

कोरोना के बढ़ते केस और नए वेरिएंट ओमिक्रॉन को रोकने के लिए योगी सरकार ने यूपी में फिर नाइट कर्फ्यू लगा दिया है। इसके अलावा कोरोना प्रोटोकाल भी जारी किया है। नए केसों को देखते हुए सीएम योगी ने इस बार नई पाबंदियां लगाई हैं। सीएम योगी ने शनिवार से पूरे राज्य में रात्रिकालीन कर्फ्यू लगाने का आदेश किया है। यह कर्फ्यू रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक लागू रहेगा।

 प्रोटोकाल के तहत शादी-विवाह समारोह में अब अधिकतम 200 लोग ही शामिल हो सकेंगे। सड़कों पर निकलने वालों व बाजार में आने-जाने वालों के लिए मास्क लगाना अनिवार्य होगा। मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को कोविड 19 के संक्रमण को देखते हुए टीम 9 की बैठक में ये निर्देश दिए।  कोविड प्रोटोकाल जारी करते हुए सीएम योगी ने कहा देश के विभिन्न राज्यों में कोविड के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। ऐसे में कुछ कड़े कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। 

मुख्यमंत्री के आदेश के बाद मुख्य सचिव ने जारी की गाइडलाइन

  • सभी औद्योगिक इकाइयों को रात्रिकालीन कर्फ्यू से छूट। प्रत्येक औद्योगिक इकाई में कोविड हेल्प डेस्क तथा कोविड केयर सेंटर की व्यवस्था अनिवार्य। प्रतिदिन की रिपोर्ट औद्योगिक विकास विभाग को देनी होगी।
  • कोरोना कर्फ्यू में मालवाहक वाहन, एंबुलेंस के साथ ही कोविड से जुड़े कार्मिक, पुलिसकर्मी और रात में चलने वाले उद्योगों से संबंधित कर्मचारी अपनी आईडी दिखाकर आ जा सकेंगे। 
  • शापिंग माल व सुपर मार्केट मास्क की अनिवार्यता, दो गज की दूरी, सैनिटाइजर की व्यवस्था तथा कोविड हेल्प डेस्क के साथ खोलने की अनुमति।   
  • शादी समारोहों तथा अन्य आयोजनों में बंद स्थानों पर मास्क की अनिवार्यता के साथ प्रवेश द्वार पर कोविड हेस्पडेस्क की स्थापना भी करनी होगी।
  • खुले स्थानों पर एक समय में मैदान की क्षमता के 50 फीसदी तक अतिथियों को मास्क की अनिवार्यता के साथ आमंत्रित किया जा सकेगा। कोविड हेस्पडेस्क की स्थापना प्रवेश द्वार पर की जाएगी। 
  • आयोजन स्थलों पर अतिथियों के बैठने की व्यवस्था में दो गज की दूरी प्रोटोकाल का ध्यान रखना होगा। आयोजक ऐसे कार्यक्रमों की सूचना अनिवार्य रूप से जिला व पुलिस प्रशासन को लिखित रूप से देंगे। 
  • जिलाधिकारी विदेशों से आने वाले यात्रियों के लिए भारत सरकार की तय गाइड लाइन का पालन कराना सुनिश्चित करेंगे। 
  • हाई रिस्क वाले देशों से आने वाले यात्रियों की आरटीपीसीआर अनिवार्य रूप से कराई जाएगी। अन्य प्रदेशों से आने वाले यात्रियों की जानकारी निगरानी समिति से लेने के बाद उनकी भी आरटीपीसीआर जांच कराई जाएगी। 
  • रेलवे स्टेशनों तथा बस स्टेशनों पर एंटीजन टेस्ट की प्रभावी व्यवस्था रहेगी। संदिग्ध यात्रियों का विवरण लेने के बाद उनकी आरटीपीसीआर जांच कराई जाएगी। 
  • स्कूल कालेज तथा शिक्षण संस्थान के प्रबंधक व प्रधानाचार्य छात्रों में मास्क की अनिवार्यता, सोशल डिस्टेंसिंग के साथ सैनिटाइजर की व्यवस्था करेंगे। 
  • निजी बसों में भी कोरोना प्रोटोकाल का अनुपालन सुनिश्चित कराया जाएगा।  

दूसरे राज्यों से आने वाले हर एक की ट्रेसिंग व टेस्टिंग

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के किसी भी राज्य अथवा विदेश से यूपी की सीमा में आने वाले हर एक व्यक्ति की ट्रेसिंग-टेस्टिंग की जाए। बस, रेलवे और एयरपोर्ट पर अतिरिक्त सतर्कता बरती जाए। तीसरी लहर के दृष्टिगत गांवों और शहरी वार्डों में निगरानी समितियों को पुनः एक्टिव करें। उनके स्वास्थ्य पर सतत नजर रखी जाए। आवश्यकतानुसार लोगों को क्वारन्टीन व अस्पतालों में भर्ती कराएं। 

तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर तैयारियां परखें 

सीएम ने कहा कि कोविड की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर हमने पूर्व में व्यवस्थित तैयारियां की हैं जिनका पुनर्परीक्षण किया जाए। प्रदेश के सभी शासकीय/निजी चिकित्सा संस्थानों में उपलब्ध चिकित्सकीय सुविधाओं की बारीकी से परख कर ली जाए। औद्योगिक इकाइयों में कोविड हेल्प डेस्क और डे केयर सेंटर फिर एक्टिव करें। कोविड से बचाव के लिए ट्रेसिंग, टेस्टिंग, ट्रीटमेंट और टीकाकरण की नीति के सही क्रियान्वयन से प्रदेश में स्थिति नियंत्रित है। मुख्यमंत्री ने वैक्सीनेशन को और तेज करने के भी निर्देश दिए। 

टीकाकरण की स्थिति 

  • 19 करोड़ 14 लाख 94 हजार से अधिक कोविड टीकाकरण और 09 करोड़ 14 लाख से अधिक टेस्टिंग करके उत्तर प्रदेश टेस्टिंग और टीकाकरण देश में प्रथम स्थान पर है। 
  • यहां 06 करोड़ 73 लाख 17 हजार से अधिक लोगों को टीके की दोनों डोज देकर कोविड का सुरक्षा कवर प्रदान कर दिया गया है। 
  • 12 करोड़ 41 लाख लोगों ने टीके की पहली डोज प्राप्त कर ली है। 
  • इस प्रकार पटीकाकरण के लिए पात्र प्रदेश की कुल आबादी में से 84.23 फीसदी को पहली और 45.66 फीसदी लोगों को दोनों डोज मिल चुकी है। 

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