UP Board Exams 2022: बोर्ड परीक्षा में किन नियमों के आधार पर बनाए जाएंगे एग्जाम सेंटर्स और दो समान कैटेगरी के स्कूलों में किसे दी जाएगी वरीयता
कोरोना महामारी की वजह से 2021 की बोर्ड परीक्षाओं के लगातार स्थगित होने और फिर रद्द हो जाने के बाद अब उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (UPMSP) 2021-22 सत्र की बोर्ड परीक्षाओं के लिए पहले से ही कई तैयारियों में लग गया है। बोर्ड 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को सकुशल और नकलविहीन बनाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है। इसके लिए बोर्ड की ओर से परीक्षा केंद्रों के निर्धारण में सख्त रुख अख्तियार किया जा रहा है।
जानकारों का कहना है कि यूपी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर वर्ष 2021-22 के बोर्ड एग्जाम मार्च के अंत में कराए जाएंगे। इस एग्जाम में तकरीबन 53 लाख छात्र-छात्राओं के शामिल होने की संभावनाएं जताई जा रही हैं। ऐसे में इस परीक्षा को नकलविहीन बनाए रखना बोर्ड के लिए एक बड़ी चुनौती होगी। यूपीएमएसपी ने इसी कड़ी में एग्जाम सेंटर्स बनाए जाने वाले स्कूलों को लेकर सख्त रुख अपनाया है। परीक्षाकेन्द्रों को लेकर बोर्ड की ओर से साफ निर्देश जारी कर दिए हैं। अबकी बार निर्धारित मानकों को पूरा न करने वाले स्कूलों को एग्जाम सेंटर्स नहीं बनाया जाएगा। एग्जाम सेंटर्स से जुड़े नियमों और बोर्ड परीक्षा की तैयारी से जुड़े लेटेस्ट अपडेट के लिए स्टूडेंट्स को यूपीएमएसपी की वेबसाइट पर विज़िट करते रहना चाहिए।
इस तरह से की जाएगी स्कूलों की मार्किंग
मानक |
आधारभूत सुविधाएं |
निर्धारित अंक |
विद्यालय का स्तर |
इंटरमीडियट स्तर |
20 अंक |
|
हाईस्कूल स्तर |
10 अंक |
विद्यालय की श्रेणी |
राजकीय माध्यमिक विद्यालय |
50 अंक |
|
सवित्त माध्यमिक विद्यालय |
30 अंक |
|
वित्तविहीन माध्यमिक विद्यालय |
10 अंक |
परीक्षा संचालन हेतु कक्ष |
पक्की छत |
प्रति कक्ष 1अंक |
सीसीटीवी कैमरे |
हां की स्थिति में |
10 अंक |
2020 में एग्जाम सेंटर्स बनाए जाने पर |
हां की दशा में |
20 अंक |
पिछले वर्ष का परीक्षाफल |
90 प्रतिशत से अधिक
(10 वीं में ) |
10 अंक |
गतवर्ष का परीक्षाफल |
90 प्रतिशत से अधिक
(10 वीं में ) |
10 अंक |
- केवल उन्हीं विद्यालयों को एग्जाम सेंटर्स बनाया जाएगा, जिनमें प्रश्नपत्रों एवं उत्तर पुस्तिकाओं को रखने के लिए स्ट्रॉंग रूम अनिवार्य रूप से होगा। इसके अलावा सीलिंग एवं पैकिंग रूम में वायस रिकार्डर युक्त सीसीटीवी कैमरा अवश्य लगा होना चाहिए।
- विद्यालयों में मॉनिटरिंग के उद्देश्य से अलग कक्ष की व्यवस्था हो। इसके अलावा कैमरों को डीवीआर में रिकार्डिंग क्षमता कम से कम 30 दिनों तक की होनी अनिवार्य होगी। साथ ही स्कूलों में हाईस्पीड इंटरनेट मौजूद होना चाहिए।
- परीक्षाकेंद्र बनाए जाने के लिए स्कूलों में डबल-लॉक अल्मारियाँ, विद्यालय के चारों ओर सुरक्षित चहारदीवारी होनी चाहिए। इसके अलावा मुख्य प्रवेश द्वार पर लोहे के गेट की व्यवस्था होना अनिवार्य है।
- एग्जाम सेंटर्स बनाए जाने के लिए स्कूल में अग्निशमन यंत्र, रेट से भरी बाल्टी की व्यवस्था जरूरी है। इसके अतिरिक्त पेयजल की सुविधा, मुख्य मार्ग, संपर्क मार्ग, न होने की दशा में विद्यालय को परीक्षा केंद्र के लिए उपयुक्त नहीं माना जाएगा।
- विद्यालयों में दो दक्ष कंप्यूटर ऑपरेटर की व्यवस्था, एक सम्पूर्ण कंप्यूटर सिस्टम व लाइट की व्यवस्था होनी अनिवार्य है। इसके अलावा पॉवर सप्लाई न होने पर स्कूल में जनरेटर का विकल्प मौजूद होना चाहिए।
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